रायगढ़ / रायगढ़ जिले में चाय के बागान विकसित करने जिला प्रशासन स्तर पर तैयारी शुरू की गई है। शुरुवाती दौर में धरमजयगढ़ व लैलूंगा क्षेत्र के 12 एकड़ में चाय की खेती होगी। यदि सब ठीक ठाक रहा तो इस काम को आगे और बढ़ाया जाएगा,
दरअसल रायगढ के पड़ोसी जिले जशपुर में पहाड़ी क्षेत्र व यहा का मौसम दोनो ही चायपत्ती की खेती के अनुकूल है, वही जशपुर से लगे जिले के धरमजयगढ़ व लैलूंगा में भी चाय के बागान के लायक वातावरण होने की वजह से यहां चाय की खेती करने की योजना बनाई गई है, जिला पंचायत के माध्यम से नरेगा के तहत खेती की जाएगी जिसकी मॉनिटरिंग उद्यान विभाग करेगा,
प्रारंभिक रूप से नर्सरी तैयार की जा रही है जिसके बाद खेती शुरू की जायेगी इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि धरमजयगढ़ के चापकछार व लैलूंगा क्षेत्र में जहां चाय की खेती के अनुकूल ढलान वाली जमीन व वातावरण है, वही हाथी प्रभावित क्षेत्र होने के कारण हाथी अन्य फसलों को नुकसान पँहुचाते है, लेकिन चाय की फसल को नुकसान नही पँहुचाते यही वजह है कि यहां के किसानों को इसका काफी फायदा होगा,
वही शासन की धान के बदले अन्य फसल लगाने की योजना भी पूरी होगी और शासन की योजनाओं का लाभ भी किसानों को मिलेगा, अधिकारियों का यह भी कहना है कि फिलहाल चायपत्ती की खेती से शुरुवात की जाएगी, यदि सब ठीक रहा और किसानों की संख्या बढ़ती है तो भविष्य में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर भी विचार किया जा सकता है,