कोरबा / अपनी चार सुत्रीय मांगो को लेकर मेडिकल काॅलेज जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स आंदोलन की राह पर चल पड़ी है। वेतन में बढोत्तरी के साथ ही कर्मचारियों की कमी को लेकर उन्होंने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने का निर्णय लिया है जिसके तहत पहले दिन उनके द्वारा काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। मांगे पूरी नहीं होने की स्थिती में 15 फरवरी से वे सामुहिक अवकाश पर चली जाएंगी।
वीओ: मेडिकल काॅलेज जिला अस्पताल में पदस्थ स्टाफ नर्स की मांगो को अगर जल्द पूरा नहीं किया गया तो 15 फरवरी से वे सामुहिक अवकाश पर चली जाएंगी। वेतन में बढोत्तरी के साथ ही नर्सों की कमी सहित चार सुत्रीय मांगो को को लेकर उनके द्वारा काली पट्टी लगाकर अस्पताल परिसर में एक घंटे तक प्रदर्शन किया गया। दो दिनों तक उनके द्वारा इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया जाएगा जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करते हुए सभी सामुहिक अवकाश पर चली जाएंगी। स्टाफ नर्स का कहना है,कि महंगाई के इस दौर में उनका वेतन आज भी काफी कम है।
चिकित्सक अगर हड़ताल करते हैं,तो उनके वेतन में बढोत्तरी कर दी जाती है लेकिन नर्सों की मांगो पर किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जाता। इसी तरह प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल काॅलेज तो खोला जा रहा है लेकिन नर्सों की भर्ती को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है जिसके कारण उन्हें अतिरिक्त ड्युटी करनी पड़ती है। हालात किस कदर गंभीर है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि 40 मरीजों के पीछे केवल एक नर्स ही है। भत्तों में बढोत्तरी के साथ ही पदनाम में भी बदलाव की मांग उनके द्वारा की जा रही है।
स्टाफ नर्स एक तरह से अस्पताल के रीढ़ की हड्डी हैं अगर वे हड़ताल पर चली जाएंगी तो स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से ठप्प हो जाएगी लिहाजा नर्सों की मांगो को लेकर अस्पताल प्रबंधन को जल्द गंभीरता दिखाए जाने की जरुरत है नहीं तो अस्पताल की सुविधा पूरी तरह से बिगड़ जाएगी।