गांधीनगर / स्वयंभू संत आसाराम को एक शिष्या के साथ दुष्कर्म के जुर्म में गुजरात के गांधीनगर स्थित सत्र अदालत ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई है. सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डीके सोनी ने वर्ष 2013 में दर्ज इस रेप केस में सोमवार को आसाराम को दोषी पाया था, जबकि आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था.
कोर्ट ने आसाराम को धारा 376 2 (C) के तहत दुष्कर्म, 377 (अप्राकृतिक अपराध), 342 (गलत तरीके से हिरासत में रखना), 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 357 (हमला) और 506 ( भारतीय दंड संहिता की आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया.
आसाराम को आईपीसी 376 2 (C) के तहत आजीवन कारावास और 10 हजार जुर्माना ,377 (अप्राकृतिक अपराध), के तहत आजीवन कारावास 10 हजार जुर्माना , 342 (गलत तरीके से हिरासत में रखना) के तहत एक साल की सजा और जुर्माना , 342 (गलत तरीके से हिरासत में रखना),6 महीने की सजा ,357 (हमला) और 506 ( भारतीय दंड संहिता की आपराधिक धमकी) के तहत एक एक साल की सजा सुनाई गयी। साथ ही सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डीके सोनी ने वर्ष 2013 में दर्ज इस रेप केस में आसाराम पर 23 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है. वहीं पीड़िता को 50 हजार रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है.
अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को गांधीनगर की एक अदालत के सामने दावा किया कि 2013 में एक पूर्व महिला शिष्या द्वारा दायर बलात्कार के मामले में दोषी आसाराम बापू एक ‘आदतन अपराधी’ है. इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा और भारी जुर्माना लगाने की मांग की गई है. विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने कहा कि सत्र अदालत के न्यायाधीश डी के सोनी ने सजा की मात्रा पर दलीलें सुनीं और दोपहर साढ़े तीन बजे के लिए अंतिम आदेश सुरक्षित रख लिया था .
2013 में सूरत की दो बहनों ने 2001 और 2006 के बीच हुई रेप की घटनाओं के लिए आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराईं थीं. जिनमें उन दोनों पर बलात्कार और अवैध ढंग से हिरासत में रखने का आरोप लगाया गया था. अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज शिकायत के मुताबिक आसाराम ने बड़ी बहन के साथ अहमदाबाद आश्रम में रेप किया, जबकि उसके बेटे नारायण साईं ने सूरत में छोटी बहन के साथ रेप किया.
कोर्ट से आसाराम को दोषी करार दिए जाने पर रेप पीड़िताओं की ओर से पेश होने वाले वरिष्ठ वकील नितिन गांधी ने कहा कि हम उसे बड़ी से बड़ी सजा दिलाने की कोशिश की है। अदालत ने न्याय किया है।
आसाराम इस समय एक अलग रेप केस में जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. उसे साल 2018 में इस मामले में दोषी ठहराया गया था. आसाराम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गांधीनगर अदालत में पेश किया गया था.
आसाराम के वकील ने सोमवार को ही कहा था कि सोशन कोर्ट के आदेश को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.
चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज FIR के अनुसार, अहमदाबाद के बाहरी इलाके में स्थित आसाराम बापू के आश्रम में रहने के दौरान 2001 से 2006 के बीच महिला से कथित तौर पर कई बार बलात्कार किया गया. इस मामले में विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने सोमवार को बताया कि अदालत ने आसाराम को धारा 376 2(सी) (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन अपराध) और भारतीय दंड संहिता के अन्य प्रावधानों के तहत अवैध हिरासत में रखने के लिए दोषी ठहराया है.
आसाराम इस समय जोधपुर की जेल में बंद हैं. वर्ष 2018 में जोधपुर की एक ट्रायल कोर्ट ने एक अलग यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम को जेल की सजा सुनाई थी. आसाराम को अपने जोधपुर आश्रम में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म करने का दोषी गया था. आसाराम और सात अन्य लोगों पर अक्टूबर 2013 में सूरत की एक महिला द्वारा दुष्कर्म और अवैध ढंग से कैद में रखने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की गई थी.