रायगढ़ /जिले के खरसिया सिविल अस्पताल के प्रसूति कक्ष में दाखिल होकर महिला डॉक्टर से बदसलूकी कर जान से मारने की धमकी देते हुए उत्पात मचाने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायालय ने युवक को 6 महीने कठोर कैद की सजा सुनाई, इसके अलावे उसे 3 सौ रूपए के अर्थदंड से दंडित भी किया है।
न्यायालय सूत्रों के अनुसार यह पूरा मामला खरसिया का है जहाँ विगत 17 मार्च 2020 को सिविल अस्पताल खरसिया में चिकित्सा अधिकारी के रूप में सेवारत डॉ. किरण चौहान प्रसूति कक्ष में आपातकालीन ड्यूटी पर थी इस दौरान रात तकरीबन 11 बजे खरसिया के पुरानी बस्ती में रहने वाला सिद्धांत शर्मा उर्फ सिद्धांत महापात्रे उर्फ विक्की महाराज पिता लकेश्वर शर्मा वहां पहुंचा, अस्पताल के डिलीवरी रूम के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश करते हुए सिद्धांत भीतर जा धमका और ड्यूटीरत लेडी डॉक्टर से अभद्र व्यवहार करने लगा,
डॉ. किरण चौहान ने प्रसूति कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा तो गुस्से से बौखलाए सिद्धांत ने अश्लील गाली देते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। चूंकि, आरोपी की इस हरकत से महिला चिकित्सक के शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हुआ, इसलिए उन्होंने घटना की रिपोर्ट खरसिया थाने में की।
पुलिस ने सिद्धांत के खिलाफ भादवि की धारा 186, 353, 456 छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवक और चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा तथा संपत्ति की क्षति या हानि की रोकथाम) अधिनियम 2010 की धारा 3 का उल्लंघन होकर धारा 4, 294, 506 बी एवं अनूसूचित जाति अनूसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा (1) (5) 3 (1) (आर) के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया,
हॉस्पिटल में लेडी डॉक्टर से बदसलूकी और उत्पात मचाने के इस गंभीर मामले से जुड़े पहलुओं और दोनों पक्षों की दलीलों को ध्यान से सुनने के बाद आरोप प्रमाणित होने पर विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी जितेंद्र कुमार जैन ने सिद्धांत शर्मा को 6 महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 3 सौ रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
वहीं, अर्थदंड की राशि चुकता नहीं होने पर मुल्जिम को 1 दिन अतिरिक्त जेल में रहना होगा इस मामले में खास बात यह है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड़ पर जेल भेज दिया था और 147 दिन वह जेल में ही निरूद्ध रहा, शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू ने पैरवी की है।