नई दिल्ली / कोरोना की अब तक की सबसे बड़ी लहर का सामना कर रहा है. वहां अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं बची, कब्रिस्तान के बाहर कारों की लंबी कतारें लग गई हैं. ऐसे माहौल ने लोगों को डरा दिया है. आलम यह हो गया है कि लोग देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं.

ताजा मामला युन्नान प्रांत में देखने को मिला. यह ऐसा प्रांत है, जिसकी सीमा तीन देशों को छूती है. जीरो कोविड पॉलिसी लागू होने के बाद इस प्रांत की सीमा सुरक्षा काफी चुस्त कर दी गई है,

खासतौर से रुइली शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं, क्योंकि यह म्यांमार सीमा से सटा हुआ शहर है. सीमापार करने वालों पर नजर रखने के लिए कैमरे, अलार्म, मोशन सेंसर और इलेक्ट्रिफाइड फेंस लगा दिए गए हैं.

2020 में चीन ने अपने बढ़ते COVID मामलों को खत्म करने की आड़ में अपनी दक्षिणी सीमा के पास एक इलेक्ट्रिफाइड फेंस बाड़ का निर्माण शुरू कर दिया है. यह इलाका लाओस, वियतनाम और म्यांमार से सटा हुआ है. चीन कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने पहले इसे एक अस्थायी फेंसिंग बताया था लेकिन अब यहां के सुरक्षा ढांचे में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिल रहा है.

युन्नान प्रांत को कवर करने वाले चीन कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) द्वारा गठित सीमा महामारी रोकथाम और नियंत्रण विभाग हाल में बनाई गई फेंस के पास सुरक्षा को दुरुस्त करने में सबसे आगे रहा है. जिस तरह से बर्लिन ने सीमा पर दीवार खड़ी कर ली है, उसी तरह चीन ने भी बिना औपचारिक सलाह-मश्विरा के 3,000 मील तक बाड़ बना दी है.

2021 में एक वियतनामी ट्रैवल ब्लॉगर ने YouTube पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिससे साफ पता चल रहा है कि चीन-वियतनाम बॉडर के इालाके को बाड़ से कवर कर रखा है. इसके अलावा वहां चीन ने एक निगरानी चौकी भी बना दी है. इसके अलावा वहां सर्वेलांस कैमर और सौर पैनलों को भी लगा रखा है.

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