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“बहन के प्रेमी को मारकर कुत्तों को खिलाया,बाकी बचा तो गंगा में बहाया……

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नई दिल्ली /पटना / इस बार लाश के टुकड़े-टुकड़े करने की खबर अब बिहार से सामने आई है, लेकिन, यहां लाश मिलने की संभावना शून्य है क्योकि हत्यारा खुद बता रहा है कि उसने कुछ लोगों के साथ मिलकर “बहन के प्रेमी की गला दबाकर हत्या करने के बाद लाश को टुकड़ों में काट कुत्तों को खिला दिया और बाकी गंगा नदी में बहा दिया।

अब लाश नहीं मिलेगी,इस घटना के तार नालंदा और पटना से जुड़े हैं हत्या की जानकारी के बाद भड़के लोगों की पिटाई से आरोपी को पुलिस ने बचा लिया तो उसने कई तरह की बातें कबूल कीं है उस कबूलनामे पर पुलिस अब कड़ियां जोड़कर सारी कहानी सामने लाएगी,

दरअसल नालंदा के बिहार थाना क्षेत्र के सकुनत कला में सुधीर कुमार का बेटा बिट्टू पढ़ाई करता था। वह 15 दिसंबर को घर से निकला तो उसके बाद वह वापस नहीं लौटा। परिजनों को दो दिनों तक कुछ जानकारी नहीं मिली तो 18 दिसंबर को बिहार थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान की मदद से लापता युवक का मोबाइल पटना के बाढ़ निवासी राहुल के पास से बरामद किया। पुलिस ने उस नंबर को सर्विलांस पर लेते हुए कॉल डिटेल खंगाला। आखिरी कॉल डिटेल से यह साफ हो गया कि युवक को कॉल कर किसी ने मिलने के लिए बुलाया था। पुलिस राहुल तक पहुंची तो पूरी कहानी खुल गई।

बिट्टू का नानीघर पटना के बाढ़ में है। छह महीने पहले जब वह यहां रहा था तो उसी दौरान राहुल की बहन से उसकी दोस्ती हुई थी। मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान होने के बाद लगातार बात होती रही और दोस्ती प्यार में बदल गई। इस बात की जानकारी अपराधी प्रवृत्ति के उसके भाई को लगी तो वह मौके का इंतजार करने लगा।

इसी बीच प्रेमिका ने प्रेमी को मिलने के लिए बुलाया तो राहुल बाज़ार में बिट्टू का इंतज़ार करने लगा। बाढ़ निवासी शैलेश महतो के बेटे राहुल कुमार (19) ने कबूला कि उसने अपनी बहन के साथ बिट्टू को देखा तो समझाने के नाम पर बुलाकर साथ ले गया। बिट्टू की हत्या 16 तारीख़ को ही कर दी। गिरफ्तार युवक कभी हत्या कर पूरा शव गंगा नदी में फेंकने की बात कहता तो कभी टुकड़े कर आवारा कुत्तों को खिलाने की बात कह रहा है।

उसने हत्या में कई लोगों की मदद लेने की बात कही है, जिसके कारण लाश को काटकर ठिकाने लगाने की बात पर पुलिस भी ज्यादा ध्यान दे रही है। ऐसे में पुलिस अब यह पूछताछ कर रही है कि उसने लाश के कितने टुकड़े किए, कहां पर किन लोगों की मदद से किए और कहां कुत्तों को खिलाया और गंगा नदी में किस तट पर बहाया ?

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