रायगढ़ / रायगढ़ की जीवनरेखा केलो नदी पर बन रही केलो वृहत सिंचाई परियोजना से जिले में व्यापक स्तर पर सिंचाई की सुविधा किसानों को मिलेगी। इस विशाल परियोजना की शुरुआत 2009 में हुई थी। इसकी लागत 891 करोड़ रुपए है। इसमें केलो डैम के निर्माण के साथ ही मुख्य नहर, शाखा और वितरक नहरों का निर्माण शामिल है।
केलो डैम की क्षमता 61.95 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इस परियोजना के पूरे होने से 175 गांवों के 22 हजार 810 हेक्टेयर को सिंचाई सुविधा मिलेगी। जिसमें रायगढ़ जिले के 167 गांवों की 21 हजार 596 हेक्टेयर और सक्ती जिले के 8 गांवों की 1 हजार 214 हेक्टेयर जमीन शामिल है।
इसमें राज्य के साथ केंद्र का भी हिस्सा है। इसके निर्माण की उच्च स्तर से नियमित समीक्षा की जा रही है। दिसंबर 2023 तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्य नहर और शाखा नहर का काम पूरा, वितरक और लघु नहरों में चल रहा काम– परियोजना में कुल 313 कि.मी.लंबाई के नहर बनाने है। जिसमें से 248 कि.मी. लंबाई की नहरें बनाई जा चुकी हैं। इसमें 1 मुख्य नहर के साथ, 1 शाखा नहर, 7 वितरक नहर और 91 लघु नहरों का निर्माण किया जा रहा है।
जिसमें मुख्य नहर के 28.31 किमी और झारमुड़ा के 16.11 कि.मी.शाखा नहर का काम पूरा किया जा चुका है। वहीं 68.60 कि.मी.वितरक नहर और 135.50 कि.मी.लघु नहरों का काम पूरा हो चुका है। शेष कार्य भी पूरा किया जा रहा है। परियोजना को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
परियोजना पूर्ण होने से ये होंगे फायदे– केलो परियोजना में नहरों का काम पूरा होने पर हजारों किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। नहर से पानी मिलने से जहां सिंचित रकबे में वृद्धि होगी वहीं फसल की उत्पादकता भी बढ़ेगी। भू-जल रिचार्ज करने में भी इससे मदद मिलेगी। निस्तार और पेयजल की आपूर्ति में भी सहायता होगी।