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पुलिस जिस नाबालिग को कब्र में तलाश रही रही थी,वो करीब9 महीने अचानक जीवित लौट आई अपने घर–

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गरियाबंद/पुलिस जिस नाबालिग को कब्र में तलाश रही रही थी वो करीब 9 महीने बालिग होकर अचानक अपने घर लौट आई है, अपहरण और हत्या की आशंका के चलते जांच के दौरान पुलिस ने एक कब्र तक खुदवा दी थी, वो मामला अब युवती के लौटने के बाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है, युवती ने पुलिस को बताया कि वह इन महीनों में बालोद जिले में अपने एक रिश्तेदार के यहां रह रही थी,

दरअसल बीते अगस्त 2024 में ग्राम चलना पदर में अपनी बुआ के घर रह रही यह नाबालिग युवती अचानक गायब हो गई तो परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस में कर दी, पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की और कॉल डिटेल खंगालने पर पुलिस को गांव के ही 40 वर्षीय पड़ोसी से उसकी बातचीत के प्रमाण मिले जिसपर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया,

और पड़ोसी से पूछताछ में कोई स्पष्ट जानकारी न मिलने पर पुलिस को हत्या की आशंका हुई,युवक की निशानदेही पर गांव के श्मशान में एक कब्र खुदवाई गई ,कार्यपालिक दंडाधिकारी की मौजूदगी में खुदाई में एक कंकाल मिला जिसके जांच में स्पष्ट हुआ कि वह कंकाल करीब 10 वर्ष पुराना था, इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की दिशा बदल दी,

इस बीच मंगलवार की रात युवती अचानक अपने माता-पिता के पास पुरनापानी के कुरलापारा पहुंची,परिजनों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी देवभोग थाना प्रभारी फैजुल होदा शाह ने बताया कि युवती अब बालिग हो चुकी है और उसका बयान न्यायालय के समक्ष दर्ज कराया जाएगा, पुलिस के अनुसार युवती का बयान भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 183 के तहत कोर्ट में दर्ज कराया जाएगा,

यदि उसके बयान से किसी अपराध की पुष्टि होती है तो वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी, आपको बता दें कि इस मामले में संदेह के आधार पर गिरफ्तार युवक लालधर गौड़ को लेकर आदिवासी समाज ने विरोध जताया था, 27 मार्च को आदिवासी विकास परिषद के नेतृत्त्व में लोकेश्वरी नेताम और संजय नेताम सहित कई लोगों ने देवभोग थाने का घेराव भी किया था, उनका आरोप था कि पुलिस ने निर्दोष लालधर को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जिससे उसका एक पैर भी टूट गया,

भूपेन्द्र सिंह ठाकुर