नई दिल्ली /भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव ने बीते कुछ दिनों में जिस तरह से उग्र रूप ले रहा था वह बेहद चिंताजनक था, दरअसल पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को हुए जघन्य आतंकी हमले में जब 26 निर्दोष भारतीय नागरिक मारे गए तब पूरे देश का गुस्सा चरम पर था,जवाबी कार्रवाई की मांग हर तरफ उठ रही थी,
ऐसे में भारत सरकार ने जबरदस्त सैन्य रणनीति के तहत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया,इस ऑपरेशन में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और PoK के अंदर कई किलोमीटर भीतर तक घुसकर बड़े आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया,यह कार्रवाई इतनी प्रभावशाली थी कि इसके बाद पाकिस्तान ने खुद पहल करते हुए भारत को कॉल किया और संघर्षविराम की गुहार लगाई,

शनिवार दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने भारतीय DGMO को फोन कर सभी मोर्चों पर गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने की पेशकश की भारत ने इसे स्वीकार करते हुए शाम 5:00 बजे से सीज़फायर लागू कर दिया, विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि बातचीत का दायरा केवल संघर्षविराम तक सीमित है और किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी,
भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 बड़े आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया,ये ठिकाने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के संचालन और प्रशिक्षण केंद्र थे. इनपर हमले ने आतंक की रीढ़ तोड़ दी है, पहली बार भारत ने सिर्फ PoK तक सीमित न रहकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत जैसे संवेदनशील इलाकों में हमले किए,बहावलपुर जैसे ठिकानों को निशाना बनाया गया जहां जैश का मुख्यालय माना जाता है ये वही जगहें हैं जहां अमेरिका ने भी अपने ड्रोन नहीं भेजे,
भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से चकमा दिया,सिर्फ 23 मिनट में पूरा ऑपरेशन संपन्न हुआ और किसी भारतीय विमान को नुकसान नहीं हुआ,राफेल जेट्स के ज़रिए SCALP और HAMMER मिसाइलों का प्रयोग कर सटीक हमले किए गए,
भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि यह लड़ाई आतंक के खिलाफ है, पाकिस्तान की जनता या सेना के खिलाफ नहीं किसी भी सैन्य बेस या नागरिक ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचाया गया, इस ऑपरेशन में भारत के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल कई आतंकियों का खात्मा हुआ,इन आतंकियों पर भारत में कई हमलों की योजना बनाने का आरोप था एक ही रात में इन संगठनों का नेतृत्व समाप्त हो गया,
ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की एकजुटता दिखी, यह भारत की संयुक्त सैन्य रणनीति और युद्ध कौशल का जीता-जागता उदाहरण है,भारत ने स्पष्ट कर दिया कि अब वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए किसी की अनुमति का मोहताज नहीं है,यह संदेश केवल पाकिस्तान के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा.