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स्कूली छात्रा की तलाश में दिनभर भटकते रहे परिजन,देर शाम पुलिस ने कहा कि आपकी बेटी ने शादी कर ली………

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मध्यप्रदेश / मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में एक 35 साल के शिक्षक ने अपनी छात्रा के साथ शादी रचा ली छात्रा कि उम्र केवल 18 साल है,ये मामला सामने आने के बाद से लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है,वहीं परिजन और स्थानीय लोग इस तरह के प्रेम विवाह का विरोध कर रहे हैं विवाह करने वाला शिक्षक जिले के एक निजी स्कूल में टीचिंग करता है और उसी स्कूल में छात्रा पढ़ती है,इस शादी ने परिजन के साथ साथ लोगों को झकझोर कर रख दिया है, परिजन अब न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं वे बेटी के इस कदम से व्यथित व परेशान हैं,

दरअसल बीते दिन प्राइवेट स्कूल के शिक्षक ने छात्रा के साथ अपर कलेक्टर के कोर्ट में पहुंचकर विवाह किया था,ये पूरा मामला वर्धमान मीडिल स्कूल का है और शिक्षक का नाम विनीत कुमार जैन है,शिक्षक और छात्रा ने अपर कलेक्टर न्यायालय अशोकनगर में 17 अप्रैल को यह शादी की थी. छात्रा के पिता का कहना है कि 17 अप्रैल को उसकी पुत्री दोपहर 12 बजे स्कूल जाने का कहकर घर से निकली थी,लेकिन शाम 7 बजे तक वापस नहीं आई तो आसपास तलाश की लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली,जिसके बाद हमने थानें मे गुमशुदगी दर्ज करा दी,

वही बेटी न कही न मिलने से हताश और निराश होकर रात में जब पुलिस थानें पहुंचे तो थानें में पुलिसकर्मियों ने शादी से जुड़े कोर्ट मैरिज के दस्तावेज सौंप दिए और पुलिस ने कहा कि आपकी बेटी ने शादी कर ली है,इतना सुनते ही वो कुछ देर के लिए विचलित हो उठे और अपनी बेटी के इस तरह के कदम का कभी सपने भी अनुमान नहीं लगाया था,बताया जा रहा है कि शिक्षक लंबे समय से छात्रा के संपर्क में था और उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था और लड़की के 18 वर्ष की आयु पूरी करते ही वह उसे भगाकर ले गया और कोर्ट में शादी कर ली,ताकि क़ानूनी झमेले से बच जाये,

इधर स्कूल प्राचार्य ने बताया कि विनीत कुमार जैन जो शिक्षक हैं वह वर्तमान मीडिल स्कूल के शिक्षक हैं,वहीं छात्रा वर्धमान हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा है,साथ ही वर्तमान स्कूल के प्राचार्य इस पूरे मामले से बचते हुए नजर भी आए, जबकि हैरान करने वाली बात तो ये है कि कोर्ट मैरिज में गवाह के रूप में वर्धमान स्कूल की भूमिका बड़ी है क्योकि गवाह के रूप में स्कूल के कर्मचारी भी शामिल है,अब इस छात्रा के परिजन दर-दर भटकते नजर आ रहें हैं और इनका कहना है कि यह शिक्षक दो साल से अधिक से उनकी बच्ची को अपने जाल में फंसाये हुआ था, वही समाज में गुरु-शिष्य संबंधों की मर्यादा को लांघने वाली यह घटना न केवल पीड़ित परिवार के लिए सदमा है, बल्कि यह शिक्षण संस्थानों की नैतिक जिम्मेदारियों पर…

भूपेन्द्र सिंह ठाकुर