रायगढ़/रायगढ़ जिले मे विगत कुछ वर्षो से निजी खदानों का संचालन बढ़ा है, जिसमे की रोजाना करीब 35000-40000 मेट्रिक टन कोल परिवहन का कार्य निजी खदानों से निजी उद्योगों में हो रहा है, जिसके कारण आगामी दिनो में बढक़र रोजाना 50000 मेट्रिक टन होने की संभावना है,
निजी खदानों के संचालन की वजह से जिले मे सरकारी खदानों से कोयला की मांग मे कमी हुई है, लिहाजा जिले की सरकारी खदानों से अधिकतर कोयला रेल और साइलों के माध्यम से देश के अन्य हिस्सो मे जरूरत के अनुसार भेजा जा रहा है,जिससे लोकल मे परिवहन का कार्य प्रभावित हुआ है,
दरअसल ट्रेलर मालिक संघ के सदस्यों ने होटल अंश में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कि वर्ष 2021-2022 मे कम भाड़े की वजह से जिले के अधिकतर गाड़ी मालिको की हालत बदतर हो गई थी और लंबे संघर्ष के बाद सरकारी खदानों के भाड़े मे संसोधन हो पाया जिससे की गाड़ी मालिक को थोड़ी राहत मिली थी,
परन्तु अब जिले मे अधिकतर परिवहन निजी खदानों से होने और निजी खदान संचालको द्वारा मनमाना भाड़ा निर्धारित कर बाहरी गाडिय़ो से परिवहन कराये जाने की वजह से आज जिले के गाड़ी मालिको मे काफी निराशाजनक और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई है,
ट्रेलर मालिक कल्याण संघ सभी निजी खदानों से और लोकल उद्योगों से जिले के अन्दर परिवहन होने वाले सभी परिवहन कार्य का भाड़ा निर्धारण सर्व सम्मति से करते हुए इसे आगामी 01 नवंबर से लागू करने हेतु सभी को भेजा जा रहा है साथ ही इस भाड़ा सूची को समाचार पत्रो के माध्यम से भी सभी की जानकारी हेतु प्रकाशित कराया जा रहा है, और अपील की जा रही है कि इस भाड़ा को तय समय पर लागू करने की कृपा करे, भाड़ा लागू न किए जाने की दशा में पुरे जिले के गाड़ी मालिक परिवहन कार्य बंद करने के लिए बाध्य होगे जिसकी पुरी जिम्मेदारी संबंधित खदान संचालक और उद्योग की होगी।