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हमारे समृद्ध अतीत और कला-संगीत की अद्भुत परंपराओं को जीवंत बनाएं रखने का माध्यम है चक्रधर समारोह-महामहिम राज्यपाल रमेन डेका

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रायगढ़ /रायगढ़ जिले में विगत 10 दिन से आयोजित चक्रधर समारोह के आज समापन समारोह में छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल श्री रमेन डेका मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। समापन समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि आज इस पावन अवसर पर जब हम सभी छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर, चक्रधर समारोह में एकत्रित हुए हैं, मुझे गर्व और हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह मंच न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, बल्कि हमारे समृद्ध अतीत और कला-संगीत की अद्भुत परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का भी महत्वपूर्ण माध्यम है।

राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ और असम की संस्कृति में समानता है,ब्रिटिश काल में छत्तीसगढ़ से अनेक लोग असम आए और वहाँ रच-बस गए,राज्यपाल होने के नाते मेरी प्राथमिकता है कि यहाँ की संस्कृति को बढ़ावा मिले, उन्होंने कहा कि असम को वनांचल क्षेत्र समझा जाता है,

जबकि ऐसा नहीं है यहाँ की शिक्षा व्यवस्था बहुत प्राचीन है,उन्होंने अतीत में रामायण, महाभारत से संबंधित दीये की रोशनी में खेले जाने वाले नाटकों का उल्लेख करते हुए कहा कि नैतिकता की शिक्षा के साथ नाटक भक्ति मार्ग से जोड़ते थे,भक्ति मार्ग से ही देश-प्रदेश का विकास संभव है,

राज्यपाल ने कहा कि भले ही हमारी उपासना पद्धति अलग-अलग है लेकिन हमें समाज के उत्थान के लिए काम करना है,उन्होंने कहा कि यहाँ आने से पूर्व हमने राजा चक्रधर सिंह के विषय में अध्ययन किया तो पाया कि वे एक महान इंसान थे, उन्होंने जो कथक है उसे छत्तीसगढ़ी स्टाइल में स्थापित कर पहचान और मान्यता दिलाई,

उनका योगदान 1947 के समय भारत में विलय में भी था, उन्होंने कहा कि यहाँ महासमुंद जिले में पुरातत्व अवशेष भी असम की संस्कृति से मिलता जुलता है,राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि राजा के परिवार को आज नमन है,उन्होंने कहा कि इस मंच से प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर और कला को नई उचाईयां मिलेगी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का सशक्त माध्यम बनेगा,

हम सभी मिलकर इस धरोहर को आने वाले पीढिय़ों के लिए संरक्षित रखेंगे,उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि आने वाले समय में भी यह आयोजन जारी रहेगा,उन्होंने कहा कि रायगढ़ में बहुत खनिज है, खदान है,यहाँ को विकसित बनाएंगे। हमारी प्राथमिकता है कि रायगढ हरा-भरा रहे और पर्यावरण संरक्षण के दिशा में कार्य करते हुए हम सभी एक पेड़ माँ के नाम पर लगाएं।

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