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बालको की आरोग्य परियोजना से उभर रहा है एक सशक्त, नशामुक्त समाज

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नशामुक्ति समितियों के प्रयास से सात गाँवों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध, जनभागीदारी से समाज में जागरूकता की नई लहर

📍 कोरबा।वेदांता समूह की इकाई भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) की आरोग्य परियोजना अब एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुकी है। नशे की लत के विरुद्ध चलाए जा रहे इस जनजागरूकता अभियान ने समुदाय में अनुशासन, स्वास्थ्य और सामाजिक ज़िम्मेदारी की नई मिसाल कायम की है।

संगठित प्रयासों का असर: सात गाँव बने नशामुक्त

आरोग्य परियोजना के अंतर्गत अब तक 20 नशामुक्ति समितियाँ गठित की जा चुकी हैं। इन समितियों के प्रयास से 7 गाँवों में शराब के उत्पादन पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो गया है।
गाँवों में गठित ग्राम नशामुक्ति समितियाँ अब सार्वजनिक आयोजनों में नशे की स्थिति में पकड़े जाने पर आर्थिक दंड लगाने का प्रावधान लागू कर रही हैं, जिससे ग्रामीण अनुशासन और आत्मनियंत्रण को बढ़ावा मिल रहा है।

सांस्कृतिक माध्यमों से जागरूकता की अलख

जनमानस तक संदेश पहुँचाने के लिए नुक्कड़ नाटक, कठपुतली शो, दीवार लेखन, पोस्टर, स्लोगन, और रैलियों का सहारा लिया जा रहा है।विशेष ध्यान विद्यालयों में बच्चों को प्रारंभ से ही नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराने पर है, जिससे वे आने वाले समय के सशक्त और जागरूक नागरिक बनें।

पिछले वर्ष इस अभियान से 1,941 लोगों को नशामुक्ति के प्रति प्रेरित किया गया था।

तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष आयोजन

‘तंबाकू निषेध दिवस’ के अवसर पर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जागरूकता रैलियाँ, संवाद सत्र, और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया।इन कार्यक्रमों के माध्यम से 460 से अधिक लोगों तक सीधा प्रभाव पहुँचाया गया, जिनमें युवा वर्ग की भागीदारी विशेष उल्लेखनीय रही।


स्वास्थ्य और जनचेतना का संगम

बालको की यह आरोग्य परियोजना अब केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनचेतना का प्रतीक बन चुकी है। यह पहल समाज को जिम्मेदारी, जागरूकता और नशामुक्त जीवनशैली की दिशा में ले जा रही है।
इस आंदोलन की सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सशक्त, संवेदनशील और स्वस्थ समाज की नींव रख रही है।

GAYANATH MOURYA