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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर बालको ने डिजिटल नवाचार से सस्टेनेबिलिटी और सुरक्षा को दी नई ऊँचाई

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कोरबा। वेदांता समूह की प्रमुख कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से अपने प्रचालनों में उत्कृष्टता, सस्टेनेबिलिटी और सुरक्षा को नया आयाम दिया है। बालको ने पूरे मूल्य श्रृंखला में डिजिटल नवाचारों को अपनाकर संचालन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।

बालको ने पॉटलाइन में नया रीलाइनिंग डिज़ाइन अपनाया है जिससे 100 प्रतिशत ग्रैफिटाइज़ेशन के बाद ऊर्जा खपत में 400 किलोवाट-घंटा प्रति मीट्रिक टन की कमी दर्ज की गई है। इससे करंट एफिशिएंसी में सुधार हुआ है और कार्बन उत्सर्जन में भी गिरावट आई है।

फिनिशिंग लाइन क्षेत्र में एकीकृत किया गया एआई सिमुलेटर प्रक्रिया मापदंडों का गहन विश्लेषण करता है, जिससे रोल्ड प्रोडक्ट्स के उत्पादन को बेहतर बनाते हुए प्रक्रिया दक्षता में इज़ाफा हुआ है। इसी तरह फर्नेस में लागू की गई रोबोट-आधारित तकनीक ने रिफ्रेक्टरी संरचनाओं की निगरानी को आसान बनाया है, जिससे एनोड निर्माण की गुणवत्ता में सुधार और संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

बालको के 1200 मेगावाट बिजली संयंत्र में एआई-संचालित कन्वेयर बेल्ट मॉनिटरिंग सिस्टम को अपनाया गया है जो कन्वेयर की स्थिति, अग्नि अलर्ट और मानवीय गतिविधियों पर निगरानी रखकर सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाता है।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा, “हम बालको में हर स्तर पर डिजिटल तकनीक को अपनाकर एफिशिएंसी, सेफ्टी और सस्टेनेबिलिटी को सशक्त बना रहे हैं। डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से हम संचालन उत्कृष्टता में नए मानक स्थापित कर रहे हैं और एल्यूमिनियम उद्योग में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।”

बालको ने एल्यूमिनियम को ‘भविष्य की धातु’ के रूप में विकसित करने के लिए 62 प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण किया है, जिससे मैनुअल कार्यों की जगह रियल-टाइम डेटा आधारित निर्णय प्रणाली स्थापित हुई है। इससे संसाधनों के उपयोग में कुशलता और सुरक्षा मानकों में मजबूती आई है।

सुरक्षा संस्कृति को सुदृढ़ करने के लिए बालको ने फिनिश्ड गुड्स टावर और ऐश एवं कोल कंट्रोल टावर में 24×7 लाइव मॉनिटरिंग डैशबोर्ड स्थापित किए हैं। साथ ही आंतरिक परिवहन में एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) और ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम (DMS) जैसी एआई तकनीकों को लागू किया गया है।

ऑगमेंटेड और वर्चुअल रिएलिटी आधारित प्रशिक्षण केंद्र, ई-लर्निंग, सस्टेनेबिलिटी ऐप और वीडियो एनालिटिक्स के माध्यम से कर्मचारियों को सुरक्षा संस्कृति से जोड़ा जा रहा है। सेंट्रलाइज्ड सिक्योरिटी ऑपरेशन्स सेंटर (CSOC) डिजिटल इंटेलिजेंस के माध्यम से सुरक्षा, ट्रैफिक और आपूर्ति प्रबंधन को अधिक सुदृढ़ बना रहा है।

इसके अतिरिक्त, थर्मल निरीक्षण आधारित हॉट स्पॉट डिटेक्शन सिस्टम और एंड-टू-एंड डिजिटल डैशबोर्ड्स द्वारा रीयल-टाइम डेटा निगरानी से संयंत्र की सुरक्षा को और मज़बूती मिली है। संयंत्र में एलईडी लोगो प्रोजेक्टर के माध्यम से सुरक्षा संकेतों को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाता है, जिससे कम रोशनी और उच्च ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में भी सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

GAYANATH MOURYA