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विकास की दिशा में एक नया और हरित आयाम-देश के पहले हाइड्रोजन चालित ट्रक को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना–

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रायपुर/छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने देश के पहले हाइड्रोजन चालित ट्रक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के विकास की दिशा में एक नया और हरित आयाम जोड़ने वाला क्षण है,

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें सौभाग्य मिला है कि देश के पहले हाइड्रोजन ट्रक का शुभारंभ छत्तीसगढ़ से हो रहा है,यह ट्रक जीरो पॉल्यूशन और जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ग्रीन एनर्जी को लेकर निरंतर प्रयासरत हैं और यह पहल उनके विजन को आगे बढ़ाने का प्रयास है,

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रदेश की ऊर्जा और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा,उन्होंने कहा कि यह ट्रक न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित है बल्कि भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए भी टिकाऊ समाधान पेश करता है,

हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग से ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बढ़ावा- हाइड्रोजन प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है और सबसे विशेष बात यह किसी भी प्रकार का हानिकारक उत्सर्जन नहीं करता है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले वाहन डीज़ल ट्रक जितनी दूरी और लोड उठाने की क्षमता रखते हैं। लेकिन धुएं के बजाए ये सिर्फ पानी की भांप और गर्म हवा उत्सर्जित करते हैं और आवाज़ भी बहुत कम करते हैं।

चूंकि माइनिंग क्षेत्र में अधिकांश मशीनें मुख्य रूप से डीज़ल से ही चलती है, ऐसे में स्वच्छ ईंधनों को अपनाने से प्रदूषण और शोर को कम करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, यह कदम भारत की कच्चे तेल पर निर्भरता घटाने और कार्बन फुटप्रिंट कम करने में भी सहायक होगा। खास बात यह है कि अडानी नैचरल रिसोर्सेस एशिया की पहली कंपनी है, जिसने ‘डोज़र पुश सेमी ऑटोनॉमस तकनीक को अपनाया है, जिससे सुरक्षा और स्थिरता, दोनों को बढ़ावा मिल रहा है।

गौरतलब है कि भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी साझेदारी से यह ट्रक तैयार किया गया है और इसमें ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन का उपयोग होगा। इसके अंतर्गत माल परिवहन के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल बैटरी से चलने वाले ट्रक विकसित किया जा रहा है। प्रत्येक ट्रक स्मार्ट तकनीक और तीन हाइड्रोजन टैंक से लैस होगा,

जिसमें 200 किलोमीटर की दूरी तक 40 टन तक का माल ले जाने की क्षमता होगी। प्रदेश में हरित भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड और अदाणी नैचरल रिसोर्सेस ने यह साझा प्रयास किया है।छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा रायगढ़ जिले के गारे पेल्मा-3 कोल ब्लॉक से राज्य की विद्युत उत्पादन इकाई तक कोयला परिवहन में इसका उपयोग किया जाएगा।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर सीएम का बयान- सीएम विष्णु देव साय ने केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन को लेकर भी प्रतिक्रिया दी,उन्होंने कहा हम हर प्रकार की परिस्थिति के लिए तैयार हैं, जिस प्रकार से निर्देश मिले थे उसी अनुसार दुर्ग जिले में मॉकड्रिल भी किया गया है आगे भी जो निर्देश मिलेंगे उनका पालन पूरी तरह से किया जाएगा,प्रदेश हर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है,

इस आयोजन ने छत्तीसगढ़ को हरित ऊर्जा की दिशा में एक मजबूत शुरुआत करने वाला राज्य बना दिया है और यह पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है,

भूपेन्द्र सिंह ठाकुर