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91 लाख की धोखाधड़ी का खुलासा,पुलिस ने उत्तराखंड से 3 ठगों को किया गिरफ्तार–

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रायगढ़ / 91 लाख की धोखाधड़ी का खुलासा, अंतर्राज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़, रायगढ़ पुलिस ने उत्तराखंड से 3 गिरप‌तार,  रायगढ़ पुलिस ने उत्तराखंड के देहरादून से फ्राड गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, दरअसल विगत दिनों खरसिया क्षेत्र के बोतल्दा निवासी एक प्लांट कर्मचारी से करीब 91 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में ये कार्रवाई की गई, जिसमें आरोपियों द्वारा ‘समारा ट्रेडिंग एप’ के नाम पर फर्जी निवेश के बहाने भारी रकम ठगी गई थी,

 पीड़ित राजेश गबेल को विगत 22 फरवरी 2024 को एक वॉट्सऐप लिंक के जरिए एक ग्रुप में जोड़ा गया, जहां शेयर ट्रेडिंग में 5 से 7 प्रतिशत तक लाभ का प्रलोभन दिया गया,आरोपियों ने पीड़ित से ‘समारा प्रो एप’ डाउनलोड कराकर उसमें निवेश शुरू कराया और कुल 91 लाख रुपये निवेश करा लिए। बाद में जब निवेशित शेयरों को बेचना संभव नहीं हुआ, तब ठगी का अहसास हुआ,

 एसपी दिव्यांग पटेल ने स्वयं इस केस की निगरानी करते हुए साइबर सेल व खरसिया पुलिस की संयुक्त टीम बनाई,  जांच में यह सामने आया कि पीड़ित की रकम देहरादून स्थित बैंक खातों में ट्रांसफर हुई है,प्रशिक्षु आईपीएस हर्षित मैहर थाना प्रभारी खरसिया के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने देहरादून पहुंचकर खाता धारक शेखर थपलियाल का पता चला और हिरासत में लिया,

जहाँ पुलिस की पूछताछ में उसके जॉइंट अकाउंट होल्डर कुलदीप सिंह रावत और मुख्य सरगना आशीष अग्रवाल का नाम सामने आया,पुलिस ने दोनों को भी स्थानीय पुलिस की मदद से गिरप‌तार किया, पूछताछ में खुलासा ये भी हुआ कि आशीष अग्रवाल विभिन्न लोगों से बैंक अकाउंट और लिंक्ड मोबाइल नंबर पर कमीशन लेकर फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर निवेश कराकर ठगी करता था,

इस गिरोह द्वारा उपयोग किये गये मोबाइल नंबरों के खिलाफ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में कुल 55 ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें करीब 6 करोड़ रुपये के लेन-देन का रिकॉर्ड सामने आया है,आरोपियों के खिलाफ खरसिया, जिला रायगढ़ के अलावा  आजमगढ़ और बलिया (उत्तर प्रदेश) में भी अपराध पंजीबद्ध हैं,

पुलिस गिरफ्तार तीनों आरोपियों को देहरादून से ट्रांजिट रिमांड पर रायगढ़ लेकर आई है, उनके पास से 3 मोबाइल फोन, आईडीएफसी बैंक का संयुक्त खाता चेकबुक और सील जब्त की गई है मामले में विवेचना जारी है,

भूपेन्द्र सिंह ठाकुर