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वेदिक इंटरनेशनल स्कूल की करतूत,पहले दिखाई सहानभूति,अब थमाया 6.15 लाख का बिल–

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रायगढ़ / रायगढ़ जिले के पटेलपाली में स्थित वेदिक इंटरनेशनल स्कूल अपने करतूत से रायगढ़ के शिक्षा व्यवस्था को लगातार कलंकित कर रहा है, लेकिन उससे भी बड़ी हैरानी की बात ये है कि जिले का शिक्षा विभाग तथा जिला प्रशासन इस स्कूल से जुड़े मामलों को लेकर आखें मूंदे बैठा है,

ऐसा हो भी क्यों न शिक्षा को व्यापार का जरिया बनाकर दुकानदारी चलाने वाले निजी स्कूल प्रबंधन और स्कूल के मालिक रायगढ़ जिला शिक्षा अधिकारी और जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को पने ठेंगे पर रखता है,ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बीते दो सालों में वेदिक इंटरनेशनल स्कूल के कई ऐसे अमानवीय और अपराधिक घटनाक्रम सामने आए हैं जिसने जिले के कानून व्यवस्था और शैक्षणिक व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं,

मगर मजाल है कि इस स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जिला शिक्षा विभाग और सरकारी तंत्र के किसी भी अधिकारी की नजर टेढ़ी हुई हो, यहाँ ताजा मामला दो बच्चों को टी.सी. नहीं देने का सामने आ रहा है, जिसमें पहले तो स्कूल प्रबंधन और स्कूल के मालिक ने पीड़ित परिवार के प्रति अपने सहानुभूति का खूब दिखावा किया और 2 साल तक अपने स्कूल में बच्चों को रखा,और अब पीड़ित परिवार को 6 लाख 15 हजार का भारी भरकम बिल थमाकर पैसों की मांग की जा रही है, इस बात की शिकायत पीड़ित परिवार के द्वारा थाना जूट मिल व जिला शिक्षा अधिकारी पुलिस अधीक्षक रायगढ़ और जिला कलेक्टर रायगढ़ से भी पत्राचार के माध्यम से किया गया है,

मामले में श्रीमती प्रियंका पाण्डेय पति स्व.विनय पाण्डेय ग्राम – टाड़ापारा, पो.-गोरपार तह.-खरसिया, जिला रायगढ़ अपने शिकायत पत्र में कहा है कि मेरे दो बच्चें विभोर पाण्डेय और विशेष पाण्डेय जो कि वैदिक इंटरनेशनल स्कूल रायगढ़ (पटेलपाली) में पढ़ते है, विभोर पाण्डेय क्लास 9 वी से 10 वी गया है और विशेष पाण्डेय 7वी से 8वी गया है,

मेरे पति विनय पाण्डेय जी का आकस्मिक निधन बीते दिनांक 16 अक्टूबर 2023 को हो गया, जिसके वजह से मैं और मेरे बच्चे का खर्च चलाने में ही असमर्थ हूँ,वैदिक इंटरनेशल स्कूल का फिस बहुत ज्यादा है उसे देने में मैं असमर्थ हूँ,मेरे बच्चे का पढ़ाई में बहुत ज्यादा नुकसान हो चुका है,मार्च से स्कूल खुल चुका है, इतने दिनों से उसका जो पढ़ाई में हानी हुआ है,

उसका भरपाई कौन करेगा वैदिक इंटरनेशनल स्कूल का जब से नया सेशन चालू हुआ है, तब से हम 10 से 15 बार स्कूल जा चुके है,स्कूल द्वारा न तो बच्चे का रिजल्ट दिया जा रहा है और न ही बच्चों को स्कूल में ही रखा गया है, वहां की प्राचार्य द्वारा बोला गया बिना फीस पटाये हम बच्चे को नहीं रख सकते है,

आप अपने बच्चे को ले जाये,इस प्रकार बोल कर बच्चे को स्कूल में नही रखा गया,हम बोले ठीक है, चेयरमेन सर जी से बात करले तब तक पढ़ने दीजिए लेकिन प्राचार्य द्वारा बेजती की गई कि चेयरमने सर आनंद अग्रवाल जी का आर्डर है, टी.सी. के लिए मैंने दूसरे दिन आवेदन दिया उन्होंने कहा नोड्यूज लगेगा,

वहां का साहू बाबू जी ने नोड्यूज देने से मना कर दिया उसके बाद हम फिर प्राचार्य मैडम के पास गये है, तो उन्होंने भी टी.सी. नही दिया आपका मामला चेयरमेन से होगा. बोली, डेट पे डेट दिये जा रहे है पर चेयरमेन सर न मिल रहे है, न मेरे बच्चे को पढ़ने दे रहे है और न ही टी.सी. दे रहे है, चेयरमेन सर को कॉल करने पर फोन उठा नही रहे है, मैने कई बार मैसेज की कि सर प्लीज मेरे बच्चे का भविष्य का सवाल है पर उन्होंने कोई रिसपॉन्स नही दिया,जिस वजह से मुझे मानसिक टेंसन बहुत ज्यादा हो गया है,

जबकि मेरे पति स्व. विनय पाण्डेय की मृत्यु के बाद हम चेयरमेन से बैठक कर बात किये थे, कि मैं आपके स्कूल का इतना फीस नहीं दे पाऊंगी तब उन्होंने दिलासा दिया था कि आपसे फीस कौन मांग रहा है, आप अपने बच्चे को पढ़ाओ उसके बाद फीस के लिए किसी प्रकार का काल नही आया न मैसेज जबकि इतने बडे स्कूल में फीस नही पटा था तो 2 साल तक बच्चे को क्यों रखा गया,

अब फीस 5 से 6 लाख के बीच मांग रहे है, मैं इस फीस को देने में असमर्थ हूँ,मेरे बच्चे का भविष्य खराब हो रहा है और मुझे बहुत ज्यादा मानसिक टेसन है,यदि मुझे कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी बैदिक इंटरनेशनल स्कूल और छ.ग. शासन को होगी,

भूपेन्द्र सिंह ठाकुर