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 खबर जरा हट के -अब दादी का पोते पर आया दिल-घर से हुए फरार और रचाई दोनों ने शादी…….

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नई दिल्ली / प्यार सचमुच अंधा होता है ये सुना था अब देख भी लो,दरअसल उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है,यहां 52 वर्षीय चार बच्चों की मां को अपने ही 25 वर्षीय पोते से प्यार हो गया,महिला ने अपने पति और बच्चों को छोड़कर प्रेमी के साथ भागकर शादी कर ली,

मिली जानकारी के अनुसार दस दिन पहले बसखारी थाना क्षेत्र के प्रतापपुर बेलवरिया दलित बस्ती की रहने वाली इंद्रावती गांव के ही अपने रिश्तेदार जो उम्र में उससे 27 साल छोटा है उस के साथ फरार हो गई और दोनों ने गोविंद साहब मंदिर में जाकर शादी कर ली,बताया जा रहा है कि इंद्रावती की 20 साल पहले चंद्रशेखर आजाद के साथ दूसरी शादी हुई थी,

जिससे उन्हें एक बेटी और दो बेटे हुए इंद्रावती की पहली शादी से भी एक बेटी थी, जिसकी शादी चंद्रशेखर ने दो साल पहले करवाई थी, पिछले कुछ सालों से इंद्रावती और चंद्रशेखर के बीच संबंध ठीक नहीं थे,इसी दौरान इंद्रावती को गांव के ही 25 वर्षीय आजाद से प्यार हो गया और दिलचस्प बात यह है कि आजाद रिश्ते में इंद्रावती का पोता लगता है,

ग्रामीणों के अनुसार एक ही गांव और एक ही जाति के होने के कारण इंद्रावती और आजाद के बीच दादी-पोते जैसा रिश्ता था,उनके प्रेम प्रसंग की चर्चा दो दिन पहले पुलिस चौकी लहटोरवा तक भी पहुंची थी, लेकिन रविवार को दोनों ने परिवार और समाज की परवाह किए बिना गोविंद साहब मंदिर में शादी कर ली,इस शादी की खबर फैलते ही दोनों के परिवार और दलित बस्ती के लोगों ने उनका सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है,

फरार महिला इंद्रावती के पति चंद्रशेखर आजाद का आरोप है कि वह रोजी-रोटी के लिए दूसरे शहर में रहता था,इसी दौरान उसकी पत्नी का संबंध पड़ोस में रहने वाले आजाद से हो गया,जब वह घर लौटा तो उसे पत्नी के अफेयर के बारे में पता चला चंद्रशेखर ने यह भी आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी और उसका प्रेमी मिलकर उसे और उसके तीनों बच्चों को जहर देकर मारने की साजिश रच रहे थे,लेकिन उसे इस बारे में पता चल गया और वे बाल-बाल बच गए,

यह घटना अंबेडकरनगर में चर्चा का विषय बनी हुई है जहां एक दादी की उम्र की महिला का अपने पोते की उम्र के युवक से शादी करना लोगों को हैरान कर रहा है,वहीं परिवार और समाज द्वारा बहिष्कार का फैसला इस असामान्य रिश्ते के प्रति उनकी नाराजगी को दर्शाता है,

भूपेन्द्र सिंह ठाकुर