10,000 से अधिक माताओं को पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा से सशक्त बनाया
कोरबा: वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपनी स्वास्थ्य परियोजना ‘आरोग्य’ के माध्यम से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम दिया है। कुपोषण की रोकथाम, पोषण जागरूकता और सतत स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित इस पहल ने अब तक 10,000 से अधिक माताओं को प्रशिक्षित कर उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया है।
पोषण पुनर्वास केंद्रों ने बदली तस्वीर
आरोग्य परियोजना के तहत बच्चों की पोषण स्थिति का आकलन कर कुपोषित शिशुओं की पहचान की जाती है। इनके लिए 12-दिवसीय ‘पीडी हर्थ’ (पोषित आहार पुनर्वास केंद्र) सत्र आयोजित किए जाते हैं, जहां माताओं को सरकारी ‘टेक होम राशन’ (THR) से पौष्टिक व्यंजन बनाना सिखाया जाता है। खटियापारा गांव की नेहा साहू जैसी कई माताओं ने इसके जरिए अपने बच्चों के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखा है। नेहा कहती हैं, “पीडी हर्थ सत्र ने न सिर्फ मेरी बेटी का वजन बढ़ाया, बल्कि पोषण का सही ज्ञान भी दिया।”
डिजिटल पहल और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाएं
बालको ने माताओं के लिए एक डिजिटल सीरीज भी शुरू की है, जो कुपोषण से निपटने के टिप्स देती है। इसके अलावा, ‘नंदघर’ केंद्रों के माध्यम से एनीमिया रोकथाम, स्वच्छता अभियान और माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ‘प्रोजेक्ट नई किरण’ के तहत 70 गांवों में मोबाइल हेल्थ वैन से 22,500 लोगों को घर-घर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
सरकारी योजनाओं के साथ तालमेल
बालको ने ‘पोषण माह’ और ‘आयुष्मान भारत’ जैसी केन्द्रीय योजनाओं के साथ मिलकर गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को विशेष सहायता दी है। कंपनी ने छत्तीसगढ़ एड्स नियंत्रण सोसायटी के साथ भागीदारी करते हुए ‘इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर’ (ICTC) भी स्थापित किया है।
अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं
नया रायपुर स्थित बालको मेडिकल सेंटर (BMC) में 83,000 से अधिक वार्षिक OPD और 13,000 मरीजों का इलाज किया जाता है। वहीं, कोरबा का 120 बिस्तरों वाला बालको अस्पताल 1.8 लाख से ज्यादा मरीजों को वर्षभर सेवाएं देता है।
कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व का प्रतिमान
बालको के सीईओ श्री राजेश कुमार ने बताया, “स्वस्थ समुदाय राष्ट्र की प्रगति की आधारशिला है। हमारी पहलें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत कर रही हैं।” कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए भी ‘स्वास्थ्य चौपाल’ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें 500 से अधिक लोगों ने योग, पोषण परामर्श और नि:शुल्क जांच सेवाओं का लाभ उठाया।
बालको की यह स्वास्थ्य क्रांति न केवल ग्रामीण समुदायों बल्कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक मिसाल बनकर उभरी है।