जांजगीर चाम्पा / घरेलु महिलाओ को सबल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ में महिला स्व सहायता समूह का गठन किया गया और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ देते हुए कई जनहित के कार्य शौपा गया, पर वही कुछ महिला स्व सहायता समूह द्वारा इसका बेजा फायदा उठाते हुए बड़े बड़े कांड करने से भी नहीं चुक रहें है.

ऐसा ही एक मामला जिले के शासकीय उचित मूल्य दुकान भवतरा से सामने आया है, यहाँ गरीब जनता के हिस्से का चावल, शक्कर, नमक और केरोसिन की लगातार लुट जारी है,औरइस पूरी सुनियोजित लूट के पीछे थे वही लोग जिन पर भरोसे का ठप्पा था महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष, सचिव और विक्रेता।
दरअसल मामले का खुलासा तब हुआ जब तत्कालीन खाद्य निरीक्षक ज्योति मिश्रा ने वर्ष 2018 में शिकायत की जांच की, जाचं रिपोर्ट ने साफ हुआ कि दुकान से 478.54 क्विंटल चावल, 16.27 क्विंटल शक्कर, 29.04 क्विंटल नमक और 1357 लीटर केरोसिन को गबन किया गया है, कुल मिलाकर 17,37,619.33 रुपये की लूट है ,पर हैरानी की बात यह कि इसमे न कोई गिरफ्तारी नहीं, न कुर्की, न कार्रवाई, न ही न्यायालय के आदेशों का पालन हुआ,मानो सबकुछ दबाने के लिए एक अदृश्य तंत्र काम कर रहा हो,
वही जब नवंबर 2024 में नवीन खाद्य निरीक्षक ने पदभार संभाला, तो वर्षों पुरानी ये फाइल फिर खुली,और SDM पामगढ़ ने रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया, जिसके बाद थाने में 408, 34 IPC और 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत FIR पंजीबद्ध की गई, अब जाकर केशर बाई (अध्यक्ष), संगीता साहू (सचिव), और लालाराम कश्यप (विक्रेता) पर शिकंजा कसा गया,
यहाँ आपको बता दें कि जिस महिला स्व सहायता समूह को सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता था, वो दरअसल संगठित गिरोह की शक्ल में सामने आ रहा है, ये कोई चूक नहीं थी ये एक सुनियोजित तरीके की गई डकैती है जो गरीबी की रेखा से नीचे जी रहे लोगों के पेट पर मारी गई लात थी।
पर यहाँ अब सबसे बड़ा सवाल ये कि-
- क्या सिस्टम ने जानबूझकर आंखें मूंदी थीं?
- क्या किसी राजनीतिक संरक्षण ने इन्हें बचा रखा था?
- क्या और भी ऐसे गबन छुपाए जा रहे हैं?