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920 करोड़ का बजट पारित-महापौर संजू देवी ने पेश किया कोरबा नगर निगम का पहला बजट……

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कोरबा / नगर निगम की सामान्य सभा में महापौर संजू देवी राजपूत ने 920 करोड़ 42 लाख रुपए का पहला बजट पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया, बजट में अनुमानित व्यय 897 करोड़ 99 लाख रुपए और बचत 22 करोड़ 92 लाख 74 हजार रुपए दर्शाए गए हैं,

  • 25 करोड़ की लागत से इंदिरा स्टेडियम परिसर में इंडोर स्टेडियम का निर्माण।
  • छठी, विवाह और दशगात्र समारोहों के लिए मुफ्त पानी टैंकर और अंतिम संस्कार हेतु निःशुल्क लकड़ी
  • फल-सब्जी व स्नैक्स विक्रेताओं के लिए वेंडिंग जोन
  • 10 करोड़ रुपए से एसटीपी के बाद टर्शियरी ट्रीटमेंट प्लांट
  • शहर विकास और नगर उत्थान योजना के लिए प्रत्येक में 50-50 करोड़
  • कॉलेज छात्रों के लिए सिटी बस में निःशुल्क यात्रा
  • बस स्टैंड, अस्पताल, कॉलेज व चौपाटी में फ्री वाई-फाई
  • सार्वजनिक स्थलों पर प्याऊ घर और वॉटर एटीएम की स्थापना।

सभा की शुरुआत में ही पार्षद अशोक चावलानी द्वारा सभापति नूतन सिंह ठाकुर को “एक्सीडेंटल सभापति” कहने पर विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्ष ने माफी की मांग की, लेकिन सभापति ने कहा, “भले ही मैं एक्सीडेंटल हूं, पर इसका फायदा शहर को मिलेगा।”

  • अप्पू गार्डन को ठेके पर देने के प्रस्ताव पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। 50-17 के मतों से प्रस्ताव पारित हुआ।
  • 52 पार्षदों के दबाव के बाद होर्डिंग्स टेंडर निरस्त किया गया। विपक्ष का आरोप था कि जैन एडवरटाइजर्स नागरिकों को परेशान कर रहा था।

सभापति नूतन सिंह ठाकुर ने आम नागरिकों और 10 साल बाद मीडिया को सदन में बैठने की अनुमति दी। इससे पहले केवल चुनिंदा लोग ही सदन में प्रवेश कर सकते थे।

  • थीम-आधारित शहर प्रवेश द्वार।
  • ठेला-गुमटियों के लिए स्थाई स्थान।
  • उद्यानों और तालाबों का सौंदर्यीकरण।
  • कर्मचारी आवास, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और पिकनिक स्पॉट का निर्माण।

महापौर संजू देवी ने कहा, “यह बजट शहर के समग्र विकास और जनसुविधाओं को प्राथमिकता देता है।” विपक्ष ने बजट को “दिखावटी” बताया, लेकिन अंततः इसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई।


नगर निगम के बजट सत्र के दौरान पार्षद चंद्रलोक सिंह ने पूर्व महापौर पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पूर्व महापौर एक “रबर स्टैंप” की तरह काम करते थे और उनके कार्यकाल में अशोक वाटिका का ठेका अपने ही पार्टी कार्यकर्ताओं को बिना पारदर्शिता के दिया गया।

  • “पिछली सरकार में अशोक वाटिका के ठेके में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा मिला। यह ठेका सिर्फ अपने लोगों को देकर जनता के पैसे की लूट की गई,” उन्होंने सदन में कहा।
  • पूर्व महापौर पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “यह रबर स्टैंप शासन था, जहां नीतियां पार्टी कार्यकर्ताओं के फायदे के लिए बनती थीं।”
GAYANATH MOURYA