रायपुर /फोन -पे पर 101/- प्राप्त हुए,यदि ये स्पीकर मशीन आपके दुकान पर नहीं लगी है तो आप अपने ग्राहक से मिले डिजिटल पेमेंट को पहले चेक करें फिर ग्राहक को सामान दें, क्योकि आजकल डिजिटल पेमेंट के आड़ में भी लोग ठगी करने से बाज नहीं आ रहें है,

ऐसा ही एक ताजा मामला राजधानी रायपुर से सामने आया है,यहाँ सामान खरीदने के बाद भुगतान के लिए फोन-पे की फर्जी स्क्रीन शॉट दिखाकर ठगी करने वाले एक दंपति को सिविल लाइंस पुलिस ने गिरफ्तार किया है, आरोपी दंपति ने सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के अलग-अलग दुकानदारों से 15 हजार रुपए की ठगी को अंजाम दिया था,

जालसाजों ने सिविल लाइंस के अलावा टिकरापारा, गोलबाजार, तेलीबांधा थाना क्षेत्र में ठगी की है, पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ठगी के आरोप में गोबरा नवापारा निवासी लोकेश सिंह बंजारे तथा उसकी पत्नी प्रिया पाण्डेय को गिरफ्तार किया गया है,

दरअसल दंपति ठगी करने ऐसी दुकानों का चयन करते थे जहां ग्राहकों की भीड़ ज्यादा रहती थी,साथ ही जहां वाइस ट्रांजेक्शन मशीन नहीं होती थी, उसी दुकान में खरीदी के लिए जाते थे सामान खरीदने के बाद भुगतान का झांसा देकर अपने मोबाइल में पूर्व में किए गए भुगतान की स्क्रीन शॉट दुकानदार को दिखाकर ठगी करते थे,

इन दोनों जालसाजों के खिलाफ कपड़ा कारोबारी शाशा स्टोर्स के संचालक विष्णु प्रसाद साहू ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी, विष्णु ने पुलिस को बताया कि दंपति ने उसकी दुकान से कुछ दिनों पूर्व साढ़े सात हजार रुपए के कपड़ों की खरीदी की थी,

जिसका भुगतान दंपति ने फोन पे के माध्यम से किया,भुगतान का स्क्रीन शॉट भी कारोबारी को दिखाया था,कई दिनों के बाद भी अकाउंट में पैसे नहीं आने पर विष्णु ने दंपति के बारे में जानकारी जुटाई तो उसे पता चला कि इसी तरह की ठगी एक अन्य दुकानदार के साथ भी की गई है,

किसी के द्वारा फोन-पे या अन्य पेमेंट गेटवे से भुगतान करने पर तत्काल अकाउंट में पैसे नहीं आने की स्थिति में दुकानदार को उसकी पुष्टि करने संबंधित ग्राहक का मोबाइल नंबर लेकर कॉल करना चाहिए,इसके बाद उस ग्राहक का मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में नोट करना चाहिए,इस तरह की सावधानी बरतने पर दुकान संचालक ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं,

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें