रायगढ़ / नगर निगम रायगढ़ ने एनजीटी को गुमराह किया है यहाँ शहर के तालाबों में हुए अतिक्रमण की सूची में भूजबंधान तालाब का कहीं जिक्र ही नहीं किया गया है, शहर के ऐतिहासिक और सबसे बड़े तालाब पर दिन ब दिन अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है, निगम के इस कृत्य से अधिकारियों और स्थानीय नेताओं के बीच मिलीभगत की बू आ रही है,


शहर के तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं, जिन्हें बेजा कब्जा से मुक्त कराने नगर निगम द्वारा किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है,पूर्व में एनजीटी ने तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त करने का निर्देश दिया था, बावजूद इसके आज पर्यंत किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है,

यहां समझने वाली बात है कि एनजीटी ने सभी नगरीय निकायों से शहर के तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण का ब्यौरा मंगवाया था,रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत 10 तालाबों की सूची एनजीटी को भेजी गई, लेकिन इन तालाबों में भुजबंधान तालाब का कहीं कोई जिक्र ही नहीं है,

जबकि शहर के मध्य लगभग सोलह एकड़ में फैले ऐतिहासिक भुजबंधान तालाब में ही सबसे ज्यादा अतिक्रमण है, स्थानीय नेताओं व नगर निगम के अधिकारियों की बदौलत तालाब पर कब्जा धड़ल्ले से शुरू हो गया, वर्तमान स्थिति में तालाब 9 एकड़ में सिमट कर रह गया है,इसके बाद भी यहां कब्जा जारी है।

इसी तरह सालों पहले जिस भुजबंधान तालाब को काटकर नाले के गंदे पानी की निकासी के लिए डबरी बनाई गई थी, उसी डबरी पर अब कचरा पाटकर अतिक्रमण किया जा रहा है,जिससे डबरी की चौड़ाई कम होने के साथ पानी की निकासी भी कम होती जा रही है,

लेकिन नगर निगम व नजूल विभाग के अधिकारी इस ओर कार्रवाई के बजाय अंजान बने हुए हैं, इस डबरी में विकास नगर, कोतरारोड, रंग कारखाना, बैकुण्ठपुर सहित आसपास के मोहल्लों का पानी आता है,वहीं डबरी की सफाई नहीं होने से कई मोहल्ले बारिश में जलमग्न हो जाते हैं,

इसके बाद भी डबरी की सफाई नहीं की जाती, इसका कारण यह है कि डबरी की सफाई होते ही अतिक्रमण नजर आने लगेंगे,इतना सब कुछ होने के बाद भी निगम को इस तालाब में अतिक्रमण नजर नहीं आया, जिससे निगम के अधिकारियों और स्थानीय नेताओं के बीच मिलभगत की बू आ रही है, यही कारण है कि निगम ने तालाबों की सूची में भुजबंधान तालाब का कहीं कोई जिक्र नहीं किया,


तालाबों की सूची दे दी पर कब्जा कब हटेगा– मजेदार बात यह कि नगर निगम द्वारा सर्वे कर अतिक्रमण की चपेट में आए 10 तालाबों की सूची दे दी गई है, जिसमें ढिमरापुर तालाब, दर्री तालाब, गंगाराम तालाब, जगतपुर तालाब, पुछापारा तालाब, बालसमुंद तालाब, कौहाकुण्डा तालाब, कैदीमुड़ा तालाब, मयाराम तालाब बोईरदादर व राजीव नगर तालाब शामिल हैं, गौर करने वाली बात यह है कि निगम ने इन तालाबों से भी अब तक कब्जा नहीं हटाया है, जिससे एनजीटी और नगरीय प्रशासन विभाग के निर्देशों की धज्जियां उड़ रही है,

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