बीजापुर/धुर नक्सली इलाका बीजापुर में सीआरपीएफ के जवानों ने उफनती नदी का सीना चीरकर नवजात शिशु और प्रसूता को सुरक्षित पार करा अस्पताल पहुचाया, दरअसल छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं.

यहाँ सैकड़ों गांवों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से कट चुका है, इसी बीच उसूर इलाके से सुखद तस्वीर सामने आई है यहाँ सीआरपीएफ की 196 वीं बटालियन और कोबरा 205 बटालियन के जवानों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए प्रसूता और नवजात शिशु को रेस्क्यू कर उफनते नदी को पार कराया.

दरअसल नम्बी गांव के नयापारा निवासी माड़वी जागी की समय से पहले डिलीवरी हो गयी थी,जिन्हें इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उसूर जाना था, नम्बीधारा नदी में अत्यधिक पानी होने से पार करना मुश्किल था ऐसी स्थिति को देखते हुए नम्बी कैम्प में पदस्थ सीआरपीएफ की 196 वीं बटालियन और कोबरा 205 बटालियन के जवानों ने नवजात शिशु और महिला को बेडा बनाकर सुरक्षित नदी पार कराया,

जवानों ने नदी को पार करने के लिए जुगाड़ का सहारा लिया, (प्लास्टिक का ड्रम और लकड़ी से नाव)जुगाड़ बेड़े के सहारे महिला और नवजात को कराया नदी पार करने का रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा. प्रसूता और नवजात शिशु को नदी से सुरक्षित पार होने पर जवानों व परिजनों ने राहत की सांस ली,

सीआरपीएफ जवानों की तत्परता से अब नवजात शिशु और महिला दोनों सुरक्षित हैं,नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान ग्रामीणों की मदद कर मानवता की मिसाल पेश की हैं जिस की जमकर सराहना हो रही है,,,

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