रायगढ़ / अगर कोई आम (गरीब आदमी) बिजली बिल न चुकाए तो उसकी लाइन कटने की नौबत आ जाती है, लेकिन यहाँ सरकारी विभाग करोड़ों रुपए का बिल बाकी है जिसे सम्बंधित विभाग नहीं चुका रहे हैैं, बताया जा रहा है कि जिले में केंद्र और राज्य सरकार के अलग-अलग इकाइयों और दफ्तरों पर 90 करोड़ का बकाया है,

हालाकि विद्युत विभाग बकाया बिलों को वसूलने के लिए समय-समय पर अभियान चलाता है, निजी मकानों से वसूली तो सख्ती से की जाती है, लेकिन सरकारी विभागों के प्रति रहम दिखाया जाता है,सरकारी दफ्तरों, पंचायतों आदि में बिलों की वसूली नहीं हो पाती, ऐसा करते-करते अब बकाया करीब 90 करोड़ हो चुका है,

राज्य सरकार के अधीन विभागों, कार्यालयों, स्ट्रीट लाइट, बोरवेल, स्कूल, गोदाम, पंप हाउस, आंगनबाड़ी केंद्र, छात्रावास, आईटीआई आदि के बिल सालों से अटके हुए हैं, इसमें राज्य सरकार की इकाइयों के बिल कुल 89, 98, 48, 821 करोड़ हैं, जबकि केंद्र सरकार के अधीन इकाइयों का बिजली बिल 37,60,707 रुपए है, दोनों मिलाकर कुल 90,36,09,528 रुपए बकाया हो चुका है, इसकी वसूली के लिए किए जा रहे प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं,

राज्य शासन के अधीन ग्राम पंचायतों में नल जल योजना का बिल 14.36/- करोड़ है, नगरीय निकायों में पानी सप्लाई व्यवस्था का बिल 42 करोड़ है,नगरीय क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट का बिल 17.41/- करोड़, स्कूल शिक्षा विभाग का 4.96/- करोड़, महिला एवं बाल विकास विभाग 1.56/- करोड़, पुलिस विभाग 57 लाख, आजाक विभाग 48.78/- लाख, वन विभाग 54.79/- लाख, स्वास्थ्य विभाग 83.43 लाख, हाउसिंग बोर्ड 33 लाख, कृषि विभाग 11.36/- लाख, खेल एवं युवा कल्याण 25.06 लाख, रेशम विभाग 16.91 लाख आदि है,

सीएसपीडीसीएल ने बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए प्रयास किए लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है, सरकारी विभाग ही उपयोग किए गए विद्युत का भुगतान नहीं कर रहे हैं,वही रेलवे पर भी 29.62 लाख रुपए बकाया हैं, एनएचएआई पर 2.48 लाख, जियो माइनिंग विभाग पर 1.04 लाख बकाया है, राज्य की इकाइयों ने ज्यादा बिजली बिल दबा रखे हैं,

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