जगदलपुर/ धर्मांतरित ईसाई की मौत के बाद कफन-दफन को लेकर शहर से लगे एक गांव में तनाव हो गया, पुलिस की घंटों मशक्कत के बाद मृतक का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से किया गया, बस्तर जिले में जिले पिछले कई सालों से धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है,

जिस तरीके से ईसाई समुदाय के लोग बस्तर में सक्रिय हुए है, उससे उन्हे आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है, यही कारण है क्षेत्र में रह रह कर विवाद होता रहता है, विशेषकर किसी धर्मांतरित ईसाई की मृत्यु के बाद ऐसे लोगों की मृत्यु के बाद परिवार वाले गांव के ही शमशान में उसका अंतिम संस्कार करना चाहते है,

लेकिन गांव के लोग इसका विरोध करने लगते है, क्योंकि गांव के अन्य लोग मानते है कि ईसाई बनने के बाद उसका कफन दफन कब्रिस्तान में करना चाहिए न की शमशान घाट में, ऐसा ही एक मामला जगदलपुर से लगे गांव धुरगुड़ा में आया,

यहां एक धर्मांतरित ईसाई की मौत हो गई और परिजन उसका कफन दफन करने के लिए गांव के शमशासन घाट के जाने लगे,जब गांव वालों को इसकी जानकारी हुई तो बवाल मच गया,लोग एक दूसरे को मारने लगे और झूमझटकी होने लगी। सूचना पाकर पुलिस माैके पर पहुंची तो झूमझटकी तो बंद हो गई लेकिन तनाव बना रहा,

इसके बाद शव को बीच सडक़ पर छोड़ परिजन चले गए, मौके पर तैनात पुलिस बल विवाद शांत कराने में जुट गया, गांव वालों का कहना था कि ईसाई समाज के लिए करकापाल में कब्रिस्तान बनाया गया है, वहां ले जाकर बॉडी को दफना दें, उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन गांव के शमशान घाट में कफन दफन करना है तो हिन्दू रीति रिवाज से की जाय, पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया फिर परिजन माने और हिन्दू रीति रिवाज से ही गांव में दफन किया गया,,

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