रायपुर/शालीमार-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस हादसा मामले में रेलवे ने जिम्मेदारों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है, घटना के बाद सोमवार को इंजीनियरिंग, इले​क्ट्रिक​ और सिग्नल विभाग के एक-एक आपरेटरों को सस्पेंड कर दिया है,घटना के कारणों का पता लगाने इन तीनों विभागों के अलावा ट्रेन के ड्राइवर, गार्ड और गेटमैन सहित 30 से ज्यादा अफसरों और स्टाफ का बयान लिया गया, इसके लिए उन्हें बिलासपुर जोन मुख्यालय तलब किया गया था,

इधर, बिजली विभाग का फरार कांट्रेक्टर सोमवार को रेलवे दफ्तर पहुंचा,इस बीच ये खुलासा हुआ है कि उसने रेल लाइन के नीचे काम करने के पहले न बिजली अफसरों को सूचना दी थी न रेलवे के अधिकारियों को-? इस वजह से काम चलने के दौरान रेलवे का एक भी अफसर मौजूद नहीं था,

अब तक की जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि कांट्रेक्टर वहां केवल दो ​कर्मियों से काम करवा रहा था,उसे कम से कम एक दर्जन कर्मचारियों को वहां तैनात करना था, ताकि काम के दौरान वे ट्रेन गुजरने के समय अलर्ट रहते और ये हादसा नहीं होता,

रेलवे ने घटना की जांच के आदेश देने के साथ ही सभी से पूछताछ के बिंदु तय कर लिए हैं, सोमवार को जितने लोगों को भी बुलाया गया था उन सभी के बयान लिए गए, अफसरों के अनुसार उनके बयान के आधार पर अब आगे पूछताछ की जाएगी,

फिलहाल आरपीएफ ने राज गौढ़ और कैलाश पटेल के खिलाफ धारा 151 (जानबूझ कर यात्री की जान को खतरा पहुंचाना) 174 (गाड़ी के आवागमन में बाधा उत्पन्न करना) और 147 ( बिना अधिकार के रेलवे क्षेत्र में प्रवेश करना) के तहत अपराध दर्ज दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया,न्यायालय ने दो दिन की पुलिस रिमांड दी है,हालांकि दोनों ठेकेदार के कहने पर काम कर रहे थे ,लेकिन रेलवे ने अभी इन दोनों पर ही केस दर्ज किया है,

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