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चुनावी समीकरण में निर्दलीय प्रत्याशियों से हो सकता है बड़ा उलट फेर….

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रायगढ़ / रायगढ़ जिले की चार विधानसभाओं के लिए 30 अक्टूबर तक कुल 50 अभ्यर्थियों ने नामांकन पत्र जमा किये थे जिनमें लैलूंगा से 9,रायगढ़ से 24, खरसिया से 10 और धरमजयगढ़ विधानसभा से 7 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था , वहीं प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 2 नवंबर थी जिसमें से रायगढ़ जिले की चार विधान सभाओं के कुल 5 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए, जिनमे रायगढ़ से संतोष कुमार साहू, राजीव रत्न गुप्ता, गोपाल प्रसाद दुबे, संजय शर्मा, और लैलूंगा से अशोक कुमार भगत (पत्रकार ) ने अपना नाम वापस ले लिया है,

आपको बता दें कि रायगढ़ विधानसभा सीट से कुल 24 प्रत्याशियों में से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अरुण अग्रवाल का नामांकन अवैध घोषित किया गया है और चार प्रत्याशियों ने आज अपने नाम वापस लिए हैं,

रायगढ़ विधान सभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक और बीजेपी प्रत्याशी ओपी चौधरी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा था, ऐसे में टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस से शंकरलाल अग्रवाल और बीजेपी से गोपिका गुप्ता ने निर्दलीय मैदान में उतरकर इस मुकाबले के सियासी समीकरण ही बिगाड़ दिया,

शंकरलाल अग्रवाल ने मिडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी की ओर से मान मनौव्वल की कोई कोशिश नहीं की गई और ना ही उन्हें इस बात से फर्क पड़ता है, लेकिन प्रदेश बीजेपी आलाकमान की ओर से गोपिका गुप्ता को मानने की काफी कोशिशें भी की गई, लेकिन बात नहीं बनी,

वहीं अंतिम दिन दोनों ही निर्दलीय प्रत्याशियों शंकरलाल अग्रवाल और गोपिका गुप्ता के नाम वापस लेने की अटकलों पर भी विराम तब लग गया जब समय पर दोनो प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस लेने न पहुचकर स्पष्ट कर दिया कि चुनाव लड़ने के फैसले पर अडिग है,

जिससे रायगढ़ सीट के सियासी समीकरण में बड़े इफेक्ट पड़ने के आसार नज़र आने लगे हैं,जो मुकाबला सीधे तौर पर बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के मध्य माना जा रहा था, उसमे अब दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों के उतरने से वोट बैंक भी प्रभावित होगा, बहरहाल निर्दलीय प्रत्याशियों के इस चुनावी समर में डटे रहने से किस दल को फायदा और किस दल को नुकसान पहुंचेगा यह अभी समय बताएगा -…………..

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