रायगढ़ / सामान्य मामलों में बाज की तरह तेज निगाह रखने वाली रायगढ़ पुलिस धोखाधड़ी के मामलों में आंखें बंद कर लेती है। तभी तो अलग-अलग थानों में दर्ज 420 के मामलों में या तो मुश्किल से एफआईआर होती है, या फिर आरोपी कई महीनों तक पकड़ा ही नहीं जाता,

ताजा मामला श्रम विभाग से जुड़ा है,पंजाब नेशनल बैंक में 41 करोड़ का बोगस चैक लगाने वाले आरोपी का पता नहीं लगाया जा सका है, रायगढ़ जिले में धोखाधड़ी के सनसनीखेज मामले सामने आते हैं, श्रम विभाग से रुपए ऐंठने के लिए एक युवक ने पंजाब नेशनल बैंक रायगढ़ में 41.81 करोड़ का चैक जमा किया,

भारी भरकम राशि होने के कारण ब्रांच मैनेजर ने श्रम विभाग रायपुर के अफसरों को फोन कर इसका वेरीफिकेशन किया,तब पता चला कि श्रम विभाग की ओर से कोई भी भुगतान नहीं किया गया है, सहायक श्रमायुक्त विकास सरोदे को इस घटना की जानकारी दी गई,

और उन्होंने कोतवाली पुलिस से इसकी लिखित शिकायत की,कोतवाली थाने में अपराध दर्ज किया गया है, चैक में दिग्विजय इंटरप्राइजेस का नाम है,भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अफसरों के साइन किए गए हैं, जबकि इस फर्म के नाम से कोई भी भुगतान बाकी ही नहीं था,

पीएनबी में इस चैक को जमा करने के लिए जो आदमी आया था जो यहाँ लगे सीसीटीवी में कैद हो गया है, तो फिर अभी तक पुलिस उस तक कैसे नहीं पहुंच पाई है,ये एक अहम सवाल है?

बताया जा रहा है कि बोगस चैक बनाने और जमा कराने में रायपुर मंडल ऑफिस के किसी कर्मचारी का भी लिंक हो सकता है,फ़िलहाल एक सप्ताह पहले की इस घटना में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है,,

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