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भाजपा की गुटबाजी और अंतर्कलह आई सामने, रायगढ़ के बाहर से ही निकाल दी परिवर्तन यात्रा, न तो लोग दिखे न ही कार्यकर्ता……

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रायगढ़ / भाजपा की गुटबाजी और अंतर्कलह आई सामने, रायगढ़ के बाहर से ही निकाल दी परिवर्तन यात्रा, न तो लोग दिखे न ही कार्यकर्ता, दरअसल रायगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने 6 महीने पहले से ही चुनावी बिगुल फूंक दिया है,

भाजपा लगातार कार्यकर्ताओं को विभिन्न क्रिया-कलापों, बैठक, प्रदर्शन व नवाचार में व्यस्त रखे हुए है, 15 साल की सत्ता खोने के बाद भाजपा एक बार फिर से आक्रमक रूख अपनाये हुए है, लेकिन भाजपा संगठन की मंशा और इरादों पर उसके स्थानीय संगठन लगा रहे हैं,

प्रधानमंत्री मोदी की आमसभा और उसमें हुई अव्यवस्था-उपेक्षा को बीते 10 दिन भी नहीं हुई थे, कि भाजपा की परिवर्तन यात्रा रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर फुस्स हो गई, रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बाहरी इलाकों से परिवर्तन यात्रा को निकाल दिया गया,

जिसमें न तो कार्यकर्ता दिखे और न ही आमजन जिस उद्देश्य से भाजपा संगठन ने यह परिवर्तन यात्रा निकाली है, उसका एक प्रतिशत भी रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में फलीभूत नहीं हुआ, यह महज एक रस्मअदायगी और फोटो खिंचाऊ इवेंट बनकर रह गया,

परिवर्तन यात्रा के रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में स्वागत से पहले रखी गई केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री रामेश्वर तेली, प्रदेश भाजपा के महामंत्री ओपी चौधरी की प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया था, जिसमें दोनों ही नहीं पहुंचे, हालांकि उनकी जगह आये विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नालिनेश ठोकने की प्रेसवार्ता का रायगढ़ के पत्रकारों ने बहिष्कार कर दिया,

नारायण चंदेल ईमला पढ़े और चल दिये न तो उनके सामने लाईट, कैमरा रोल हुआ और न ही उनसे कोई सवाल पूछा गया, भाजपा संगठन जो साढ़े चार साल से हम साथ-साथ है के गीत गा रही थी, आज वह चुनाव से पहले अकेले-अकेले के गीत गुनगुना रही है,

हालांकि टिकटाकांक्षियों ने ओपी की धमक के बाद भी अपनी आस नहीं छोड़ी है, क्योंकि उन्हें पता है कि रायगढ़ सीट से दावेदार की घोषणा होने में अभी समय है, और भारतीय जनता पार्टी में आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है,शायद इसी बात को लेकर अंतर्कलह और गुटबाजी भी भाजपा संगठन में हावी है,

मजे की बात यह है कि प्रदेश नेतृत्व को इस बारे में पूरी जानकारी है, लेकिन वह इसे स्थानीय मानकर छोड़ दे रहा है, भाजपा संगठन में भी ऐसा चश्मा लगा हुआ है, कि जो हमेशा से भीतरघाती, परजीवी, पीड़ादायक नेता रहे हैं, उन्हें संगठन अलग नहीं कर पा रहा है,

शायद इन्हीं की वही घिसी-पिटी आत्ममुग्धता वाली राजनीति का दुष्परिणाम भाजपा को न चाहते हुए भी देखना पड़ रहा है, भाजपा संगठन जितना जल्दी अपनी जमीन को नाप ले, बेहतर होगा क्योंकि आंकड़ों के पक्ष में होने के बाद भी सेफ सीट भी उनके हाथों से छिटक जाती है,

ओपी चौधरी के रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे की सुगबुगाहट तेज है,जब से उनकी दावेदारी को लेकर माहौल गरमाया है तब से कई दावेदार शांत हो गये हैं, वे अपना पैसा और समय बचाने में ही भला मान रहे हैं, भाजपा के ही सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले ही वे संगठन की बैठक और कार्यक्रम को लेकर रायपुर में डेरा डाले हुए थे, और कार्यक्रम के बाद से तो वे रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र से नदारद है,

ऐसे में जब उन्हें विधानसभा के लोगों के साथ संपर्क बढ़ाने उनके बीच अपनी पैठ जमाने का समय है, तो वे लगभग 15 दिन से रायगढ़ से गायब है,हालांकि दो दिन पहले डेंगू को लेकर सर्व समाज के ज्ञापन सौपाई कार्यक्रम में वे कलेक्टोरेट परिसर में दिखे थे, जहां उनकी उपस्थिति को लेकर काफी विवाद हुआ और सर्व समाज के तीनों पक्षों के पदाधिकारियों में तीन फाड़ हो गया,

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