रायगढ़ /कहते है की जिसका कोई नही उसका पुलिस है यारों,आपको बता दें की कई बार ये बात फिट बैठते भी दिख जाती है, कई बार आपने भी सुना या देखा देखा होगा कि फला जगह लावारिस लाश मिली है,या कोई असहाय चोटिल होकर पड़ा है और आनेजाने वाले लोग बस किसी तमासे की तरह देख कर गुजर जाते है या फिर पुलिस को खबर की जाती है,
खबर सुन पुलिस इसे अपना कर्तव्य मान उक्त व्यक्ति या लावारिस शव का विधिवत संस्कार करती है, दरअसल ऐसा ही एक मामला रायगढ़ से सामने आया है, जहाँ परिजनों के इंकार के बाद कोतवाली पुलिस ने पुरे विधि विधान से महिला के शव का अंतिम संस्कार कराया,
जानकारी के मुताबिक अस्पताल में इलाजरत महिला रत्नाबाई धनवार (मृतिका ) निवासी रेगड़ा थाना चक्रधरनगर को लगभग 09 माह से ग्राम गौरबहरी तमनार का राम सिंह सिदार मृतिका को पत्नी बनाकर ग्राम महलोई तमनार रखा था,
बीते दिनों अज्ञात कारणों से रत्नाबाई धनवार के आग से झुलसे जाने पर राम सिंह उसे गौरबहरी में छोड़कर चला गया,
रत्नाबाई को डायल 112 द्वारा ईलाज के लिये जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, इसी बीच रामसिंह को लोकवा मारने से उसे भी जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था, जहां ईलाज दौरान 18 जुलाई को रामसिंह तथा 28 जुलाई को रत्नाबाई का निधन हो गया, मृतिका रत्नाबाई धनवार की आकस्मिक मृत्यु की सूचना पर कोतवाली पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर ग्राम गौरबहरी तमनार के सरपंच पति, ग्राम कोटवार व अन्य गवाहों की उपस्थित में पंचनामा कार्यवाही जिला चिकित्सालय रायगढ़ में कराया गया,
मृतिका के शव के अंतिम संस्कार के लिये उसके मायके एवं ससुराल पक्ष के लोगों से संपर्क किया गया, जिनके द्वारा आने में असमर्थता जाहिर करने पर सहायक उप निरीक्षक दिलीप बेहरा द्वारा वस्तुस्थिति से वरिष्ठ अधिकारियों एवं थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक शनिप रात्रे को अवगत कराया गया,
जिसके बाद कोतवाल शनिप रात्रे ने मृतिका का पुरे विधिविधान से अंतिम संस्कार करने को कहा, थाना कोतवाली के सहायक उपनिरीक्षक दिलीप कुमार बेहरा और आरक्षक विरेंद्र कुमार कंवर द्वारा शव को शासकीय वाहन से सर्किट हाउस रोड़ स्थित मुक्तिधाम ले जाकर सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप श्रृंगी, समीर घोष, कैलाश अग्रवाल, मनोज तथा ग्राम गौरबहरी तमनार के सरपंच पति मोहन लाल सिदार एवं ग्राम कोटवार पीललाल चौहान की उपस्थिति एवं सहयोग से शव का दाह संस्कार कराकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई…..