नई दिल्ली /राजस्थान के डूंगरपुर में एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर ने पढ़ने वाली कई लड़कियों से दरिंदगी की,इतना ही नहीं हेडमास्टर ने उनके अश्लील फोटो भी खींच लिए,स्कूली छात्राओं से यौन शोषण के मामले में आरोपी हेड मास्टर रमेशचंद्र कटारा के मोबाइल की एफएसएल रिपोर्ट आ गई है,

पुलिस को अब हेडमास्टर रमेश चंद्र कटारा (55) के मोबाइल में बच्चियों से हैवानियत के कई सबूत मिले हैं,आरोपी हेडमास्टम के मोबाइल से कई छात्राओं के न्यूड फोटो रिकवर हुए हैं,आरोपी हेडमास्टर रमेश चंद्र कटारा ने पुलिस ने बचने के लिए अपने मोबाइल से अश्लील फोटो डिलीट कर दिए थे,

आरोप है कि कटारा ने अपने ही स्कूल की 8 से 12 साल की कई लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया था,इसके बाद काफी हंगामा मचा था,3 जून को हेडमास्टर कटारा की गिरफ्तारी हुई थी,24 जुलाई को 8 बच्चियों से रेप के मामले में 1500 पेज की चालान रिपोर्ट (चार्जशीट) पुलिस पेश करेगी, मामला डूंगरपुर जिले का है,

आपको बता दें कि 31 मई को डूंगरपुर के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में सरकारी स्कूल के हेड मास्टर रमेश चंद्र कटारा की हैवानियत का मामला सामने आया था,स्कूलों में गर्मियों की छुट्टी के बाद भी आरोपी हेड मास्टर स्कूल में पढ़ने वाली 8 से 12 साल की मासूम बच्चियों को स्कूल बुलाता था,

आरोपी पोर्न मूवी देखता था और इसके बाद बच्चियों को कमरे में ले जाकर उनके साथ रेप करता था, हेड मास्टर छोटी बच्चियों को गाड़ी में बैठाकर 10 किमी दूर अपने घर भी ले जाता था और वहां भी उनके साथ हैवानियत करता था,बच्चियां इस बारे में किसी को बताए नहीं इसके लिए उनको चॉकलेट और चिप्स का लालच देता था,अगर बच्चियां चॉकलेट और चिप्स से नहीं मानती तो उनको डराता-धमकाता था,बच्चियों को धमकाता था कि गांव के तालाब में मगरमच्छ है, अगर इस बारे में किसी को बताया तो उसी तालाब में फेंक दूंगा,मगरमच्छ तुम लोगों को जिंदा खा जाएंगे,

स्कूल से घर लौटी बच्ची ने बताई आपबीती- 29 मई को एक बच्ची स्कूल से लौटी तो उसने मां को पेट में दर्द होने की बात कही तो मां ने बेटी के बीमार होने पर दवा दे दी,दूसरे दिन बेटी ने स्कूल जाने से मना कर दिया,जब मां ने उसे स्कूल नहीं जाने का कारण पूछा तो बच्ची ने बताया कि यूरिन की जगह पर जलन हो रही है,

जब उसकी मां ने देखा तो अंदरूनी अंगों पर जख्म नजर आए जब मां ने बेटी से इस बारे में पूछा तो उसने हेड मास्टर की करतूत के बारे में बताया,बेटी से पूछताछ में सामने आया कि आरोपी हेडमास्टर दूसरी छात्राओं के साथ ही ऐसी ही गंदी हरकतें करता था,

घटना का पता चलने पर 31 मई को ग्रामीणों ने आरोपी हेड मास्टर के खिलाफ सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई,लोगों ने बताया कि स्कूल में छुट्टियों के बाद भी हेड मास्टर लड़कियों को खेलने और कार्यक्रम करवाने के बहाने बुलाता और दुष्कर्म करता था,पुलिस ने 3 जून को आरोपी हेड मास्टर रमेश चंद्र को गिरफ्तार कर लिया,इसके बाद शिक्षा विभाग ने आरोपी को सस्पेंड कर दिया,

मामले में डीएसपी राकेश शर्मा ने बताया- 1500 पेज की चार्जशीट तैयार की है इसमें करीब 1000 पेज की मोबाइल फोन की लोकेशन डिटेल है,हेड मास्टर छुट्टियों के दिन भी अपने गांव से स्कूल जाता था,लोकेशन रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हो गई है, इसके अलावा मासूम बच्चियों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, घटना से जुड़े सबूत भी पुलिस की ओर से लगाए गए हैं,

एसपी कुंदन कवरिया ने बताया- मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़े सबूत जुटाए गए हैं,सदर थाना पुलिस को चालान पेश करने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं,आरोपी रमेशचंद्र कटारा को 24 जुलाई को जेल से कोर्ट में पेश किया जाएगा, उसी दिन पुलिस की ओर से मामले में चालान भी पेश किया जाएगा,इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर जल्द से जल्द फैसला करवाने के प्रयास किए जाएंगे,

मोबाइल से मिले फोटो होंगे खास सबूत-डीएसपी राकेश शर्मा ने आगे बताया- रमेश चंद्र कटारा के मोबाइल फोन को जब्त कर जांच के लिए एफएसएल भेजा था,करीब डेढ़ महीने बाद पुलिस को मोबाइल फोन की एफएसएल रिपोर्ट मिल गई है, आरोपी हेड मास्टर के मोबाइल से कई आपत्तिजनक चीजें मिली हैं,एफएसएल जांच में मोबाइल से मासूम बच्चियों के न्यूड फोटो रिकवर किए गए हैं, ये फोटो आरोपी हेडमास्टर के घर के हैं,

रेप से पहले पोर्न मूवी देखता था आरोपी- आरोपी हेड मास्टर स्कूल ही नहीं घर पर भी नाबालिग छात्राओं को बुलाकर उनसे दुष्कर्म करता था,पुलिस ने बताया कि आरोपी हेडमास्टर बच्चियों से दुष्कर्म से पहले आरोपी पोर्न मूवी देखता था मूवी देखने के बाद बच्चियों को बुलाता और उनके साथ दुष्कर्म करता था,इसके बाद आरोपी हेडमास्टर ने बच्चियों को न्यूड कर उनके फोटो लिए थे,

मामला पुलिस में आने के बाद आरोपी रमेशचंद्र कटारा ने ये फोटो मोबाइल से डिलीट कर दिए थे,पुलिस ने एफएसएल रिपोर्ट के साथ इन न्यूड फोटो को भी चालान रिपोर्ट के साथ जोड़ दिया है, जिसे 24 जुलाई को कोर्ट में पेश किया जाना है,पुलिस को अब तक मासूम बच्चियों के बायो मेडिकल जांच की एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिली है, यह रिपोर्ट के आने के बाद पुलिस को और भी कई सबूत मिल जाएंगे,,

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