रायगढ़ / पूंजीपथरा पुलिस ने किया अंधे कत्ल का खुलासा,उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से आरोपी को किया गिरफ्तार, रुपए के लेन-देन को लेकर आरोपियों ने घटना को दिया था अंजाम,पूंजीपथरा-चिराईपानी रोड किनारे बोरे में बंद मिली थी व्यापारी की लाश,

जिले की पूंजीपथरा थाना क्षेत्र में हुए 6 माह पुराने ब्लाइंड मर्डर के मामले में पूंजीपथरा पुलिस ने एक आरोपी मुकेश मिश्रा को उत्तर प्रदेश के भदोही से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है, दरअसल बीते 05 नवंबर 2022 को थाना पूंजीपथरा अंतर्गत चिराईपानी मेन रोड किनारे दोना पत्तल व्यवसायी सुजीत कुमार मिश्रा का शव बोरे में बंद मिला था,

मामले में पूंजीपथरा पुलिस अज्ञात आरोपी के विरुद्ध हत्या का अपराध दर्ज कर जांच विवेचना में जुटी हुई थी, जांच विवेचना में व्यवसायी के साथ रुपए के लेन-देन को लेकर लाखा के धीरज चौबे के साथ पूर्व में झगड़ा विवाद और धीरज चौबे के रंजिश होने की जानकारी मिली, घटना के बाद से ही धीरज चौबे और उसका साथी मुकेश मिश्रा फरार थे,

मामले के दोनों आरोपी घटना कारित करने के बाद से ही लगातार पुलिस की इन्वेस्टिगेशन और इस मामले से जुड़ी खबरों पर नजर बनाए हुए थे, साथ ही साथ पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने लोकेशन बदल रहे थे,पहले भी कई बार पूंजीपथरा पुलिस द्वारा आरोपियों के निवास पर जाकर दबिश देकर गिरफ्तारी का प्रयास किया गया था, भदोही में जाकर जब पूंजीपथरा पुलिस की टीम द्वारा मुखबिरी तैयार की गई तब कहीं जाकर आरोपी पुलिस के हाथ लगा जिसे कल हत्या के अपराध में गिरफ्तार कर आज न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है,

आपको बता दें कि मृतक सुजीत कुमार मिश्रा पिता बासुनंदन मिश्रा उम्र 49 वर्ष के पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु गला दबाकर हत्या करने तथा मृत्यु “हत्यात्मक प्रवृत्ति”का होना पाये जाने पर दिनांक 06.11.2022 को अज्ञात आरोपी हत्या (धारा 302 आईपीसी) का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया,

जांच दौरान मृतक सुजीत कुमार मिश्रा के वारिसानों ने बताया कि सुजीत कुमार दोना पत्तल का काम करते थे,काम के सिलसिले में उनका गेरवानी, लाखा, पूंजीपथरा की ओर आना-जाना था, इसी दौरान बीएस प्लांट तराईमाल में काम करने वाले मुकेश मिश्रा से सुजीत की जान पहचान हुई,

मुकेश मिश्रा के माध्यम से सुजीत की मुकेश के दोस्त धीरज चौबे से परिचय हुआ,धीरज कुमार चौबे का लाखा में ढाबा था , धीरज कुमार के कहने पर 15,000/- प्रति माह के हिसाब से सुजीत मिश्रा ढाबा में 3 महीने काम किया था, 3 महीने बाद धीरज कुमार अपना ढाबा बंद कर दिया,सुजीत मिश्रा को धीरज चौबे से उसके काम के रूपये लेने थे,

घर से निकले सुजीत का मोबाइल बंद हो जाने पर उसके परिवारजन परेशान हो गए और खोजते हुए चिराईपानी पहुंचे , जहां रोड किनारे बोरे में बंद उसका शव मिला था,पुलिस की जांच विवेचना में दोनों संदेही मुकेश मिश्रा और धीरज चौबे घटना के बाद से ही अपना मोबाइल बंद कर फरार हो गए थे जिसकी पता तलाश में पुलिस लगी हुई थी,

पता तलाश दौरान मुकेश मिश्रा के उसके गांव ग्राम भीखीपुर थाना कोइरौना जिला भदोही उत्तर प्रदेश में देखे जाने की सूचना पर तत्काल एसएसपी सदानंद कुमार के निर्देशन पर थाना प्रभारी पूंजीपथरा के नेतृत्व में पुलिस टीम उत्तर प्रदेश रवाना हुई और आरोपी को उसके गांव में घेरा बंदी कर धर दबोचा गया जिसे हिरासत में लेकर रायगढ़ लाये ,संदेही मुकेश मिश्रा से पूछताछ करने पर उसने अपना अपराध कबूल किया है,

आरोपी मुकेश कुमार मिश्रा ने अपने इकबालिया बयान में बताया है कि धीरज चौबे और सुजीत कुमार के बीच पैसे का लेनदेन का विवाद था,धीरज चौबे के कहने पर सुजीत कुमार मिश्रा का मोटरसाइकिल को अपने पास रख लिया और धीरज के कहने पर ही 04 नवंबर की सुबह सुजीत कुमार को फोन कर बुलाया,

सुजीत मिश्रा तराईमाल मिलने आया जिसे मोटरसाइकिल लाखा में दूंगा कहकर धीरज चौबे के क्वाटर में ले गया,क्वाटर में धीरज चौबे ने सुजीत को 1,00,000/- कब दोगे बोला, इस पर दोनों में विवाद हुआ धीरज चौबे टांगी के बेट से सुजीत को कई बार मारपीट किया और इसने भी (मुकेश मिश्रा) सुजीत को हाथ मुक्का से मारपीट किया और दोनों मिलकर एक गमछा को सुजीत के गला में फंसा कर गला घोट कर उसकी हत्या कर दिए और हत्या के बाद मुकेश बीएस प्लांट तराईमाल चला गया,

रात करीब 10:00 बजे धीरज चौबे अपने मोटरसाइकिल से बीएस प्लांट आकर मुकेश मिश्रा को वापस लाखा ले गया,दोनों मिलकर सुजीत कुमार के शव को एक बोरी में भरकर चिराईपानी रोड किनारे फेंक कर फरार हो गए थे,आरोपी मुकेश मिश्रा के मेमोरेंडम पर घटना में प्रयुक्त लोहे का टांगी, एक गमछा जिससे गला घोटा गया था जब्त किया गया है,

पूंजीपथरा पुलिस द्वारा आरोपी मुकेश मिश्रा उर्फ हरिशचंद्र मिश्रा पिता उमाशंकर मिश्रा उम्र 45 वर्ष निवासी भीखीपुर थाना कोईरौना जिला भदोही (उत्तर प्रदेश) को हत्या के अपराध में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है,आरोपी धीरज कुमार चौबे फरार है, जिसकी पतासाजी के लिए टीम लगी हुई है,

एसएसपी सदानंद कुमार के दिशा निर्देशन एवं एडिशनल एसपी संजय महादेवा के मार्गदर्शन तथा डीएसपी (हेड क्वार्टर) बेनेडिक्ट मिंज के सुपरविजन पर अंधे कत्ल के खुलासे में थाना प्रभारी पूंजीपथरा निरीक्षक जितेंद्र एसैया, सहायक उपनिरीक्षक विजय एक्का, जयराम सिदार, आरक्षक बालचंद राव, धर्मेंद्र सिंह ठाकुर आदिकांत प्रधान, कमलेश निराला, नरेश रजक एवं सायबर सेल टीम की सराहनीय भूमिका रही है,,,

            

           

   

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें