रायगढ़ / सनातन परंपरा में जीने वाला व्यक्ति अब चुप नहीं बैठेगा, सनातन परंपरा को मानने वाला व्यक्ति अब एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला, एक हाथ में शस्त्र तो दूसरे हाथ में शास्त्र लेकर चलने का काम करेगा,हम उन सबको मिडिया के माध्यम से बतलाना चाहते हैं कि वे अब और हमारी परीक्षा न लें, हम चाहते हैं वो सब शांत रहें और अगर जीना है तो मनुष्य बन कर जियें,उक्त उद्गार विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में आचार्य राकेश  ने व्यक्त किये,

उन्होंने हाल ही में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में देशभर में रामनवमी के दिन निकाली गयी शोभायात्राओं में कुछ राज्यों में हुए पथराव, आगजनी व तोड़फोड़ की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए इसे बहुत ही दुर्भाग्यजनक बताया और कहा कि वह राम जिसका व्यक्तित्व ही राष्ट्र निर्माण है, जिसने पूरी दुनिया को शांति का सन्देश दिया, और जिसके लिये महात्मा गाँधी भी कहते थे कि गर यह देश चले तो रामराज्य से चलेगा अर्थात इस देश कि मूल व्यवस्था जो है वो राम के आधार पर होनी चाहिए,

परन्तु आज हम पूरे भारत के अंदर यह देख रहे हैं कि जब-जब हिंदू समाज अपनी शोभायात्रा लेकर निकलता है तब किसी न किसी प्रकार से पथराव होता है, अडंगे डाले जाते हैं, बम फेके जाते हैं, मंदिरों को जलाया जाता है और हमारे लोगों को मारा-पीटा जाता है,

आचार्य राकेश ने आगे कहा कि आप सबको यह बतलाते हुए आज बड़ा दुःख हो रहा है कि यह कौन सा भारतवर्ष है ? क्या वो रामराज्य का भारतवर्ष है, या वो महात्मा गाँधी के सपनों का भारत जिसमें उन्होंने एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र का संकल्प लिया था जिसमे हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के साथ रहें, या फिर वो भारत है जिसमे गौतम, जैमनी, कपिल जैसे महर्षि हुए जिन्होंने शांति का सन्देश दिया,

परन्तु आज शांति का सन्देश देने वाले हिंदू समाज के ऊपर ही पथराव हो रहा है, मंदिरों को जलाया व तोडा जा रहा है, इसके बावजूद भी हिंदू समाज आज प्रतिकार नहीं कर रहा है,हिंदू समाज आज भी सामने वाले से प्रेम की भाईचारे की अपेक्षा कर रहा है,यही हिंदुओं कि सबसे बड़ी खूबी है,

लेकिन आज जो हमारी आस्था पर निरंतर ठेस पहुँचा रहे हैं उन लोगों से उनसे यह कहना चाहते हैं कि अब सनातन परंपरा में जीने वाला व्यक्ति चुप नहीं बैठेगा,आज भारत के छः प्रान्तों के अंदर यह हिंसक झडपें हुईं फिर भी हम शांति का सन्देश दे रहे हैं और उनसे यह आग्रह भी कर रहे हैं कि वे दुबारा ऐसी गलती न करें,

उन्होंने विश्व हिंदू परिषद अखिल भारतीय समिति कि ओर से छत्तीसगढ़ के लोगों से यह आग्रह किया कि आगामी 6अप्रैल गुरुवार को श्री हनुमान प्रकटोत्सव के दिन अपनी एकता का परिचय देते हुए विभिन्न आयोजनों के साथ शाम 7बजे श्री हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें,

जो जहाँ भी हो, जिस स्थिति में हो श्री हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करे,क्योंकि हम सनातनी यह मानते हैं की हमारे आराध्य देव श्री हनुमान ही हमारे वीरता का सबसे बड़े प्रमाण हैं,आज हम ऐसे लोगों को जो हमारे सामाजिक ताने-बाने को तोड़ना चाहते हैं हम उनकी चुनौती को स्वीकार कर प्रतिकार करना शुरू करें, यही सन्देश आज हम प्रेस के माध्यम से देना चाहते हैं……

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