रायगढ़/ इन दिनों आदिवासी विकास विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है,यहाँफर्जी सर्टिफिकेट देने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला चल ही रहा है कि अब एक और पुराना कारनामा भी सामने आ गया है, नियम विरुद्ध 46 लाख रुपए की सामग्री खरीदी के मामले में भूतपूर्व सहायक आयुक्त संकल्प साहू फंस गए हैं,
सरकार ने इसे वित्तीय अनियमितता मानते हुए वसूली के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है ,आजाक विभाग का यह मामला वर्ष 18-19 का है, लगभग तीन साल तक रायगढ़ जिले में पदस्थ रहने के दौरान तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त ने जांजगीर चांपा की फर्म सिंघानिया लघु उद्योग से 46,32,079/- रुपए कीमत की विभिन्न सामग्री क्रय की थी,
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग ने बिना अनुमति हुई इस खरीदी को वित्तीय अनियमितता माना,शासन ने कहा कि क्रय प्रक्रिया में भंडार क्रय नियमों का पूर्ण पालन नहीं किया गया, जिला स्तरीय क्रय समिति से अनुमोदन नहीं लिया गया,
आपको बता दें कि इस काम के लिए पृथक से आवंटन प्राप्त नहीं हुए थे, और न ही सामग्री क्रय करने के पूर्व अनुमोदन नहीं लिया गया था,संबंधित वर्ष में बजट ही उपलब्ध नहीं था सामग्री आपूर्ति के लिए आदेश पर साइन करने व देनदारी उठाने के लिए संकल्प साहू अधिकृत ही नहीं थे,
वहीं क्रय सामग्रियों की स्टॉक भंडार प्रविष्टि ही दर्ज नहीं की गई कार्यालय का नोटशीट भी प्रस्तुत नहीं किया गया,सामग्री आपूर्ति में क्रय संबंधी लेखा संधारण नहीं किया गया है, इस कृत्य को गंभीर कदाचरण की श्रेणी में मानते हुए दंडनीय कहा गया है,विभाग ने 46,32,079/- रुपए की वसूली के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था,अब मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है,
संकल्प साहू के साथ ऐसा पहला मामला नहीं है कांकेर में पदस्थापना के दौरान भी कई अनियमितताएं की गईं जिसकी बाद में जांच कराई गई,जांच में गड़बड़ी सिद्ध हुई तो संकल्प साहू को सस्पेंड किया गया था,अब रायगढ़ में भी ऐसी ही सामग्री खरीदी का मामला उजागर हो गया है,इस पर भी विभाग रिकवरी की कार्रवाई कर रहा है,साथ ही संकल्प साहू पर अन्य कार्रवाई भी की जा सकती है,
जांजगीर-चांपा की फर्म सिंघानिया लघु उद्योग से स्टूडेंट राइटिंग पैड चेयर 150 नग, रेस्टोरेंट चेयर 45 नग, मॉड्युलर वर्क स्टेशन 6 नग, लेदर चेयर विजिटर एस टाइप 4 नग, टेबल एक नग, चेयर ऑफिस नेटिंग विजिटर 26 नग, हाई प्रेशर लेमीनेट एक्शन टीसा पीके 351 नग क्रय किया था। वित्तीय अनियमितता के और भी कई मामले रायगढ़ में सामने आते जा रहे हैं।