नई दिल्ली / गुजरात की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें आईपीसी की धारा 504 के तहत 2 साल की सजा सुनाई है, हालांकि राहुल गांधी को फौरन सूरत सेशंस कोर्ट से जमानत मिल गई है,
आपको बता दें कि ये मामला 2019 का है जब राहुल गांधी ने आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी के सरनेम को लेकर टिप्प्णी करते हुए कहा था कि, ‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है ?’ राहुल की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर कराई थी,
वहीं आज अदालत ने राहुल गांधी को जमानत भी दे दी और उनकी सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता उसके फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें। फैसला सुनाए जाते समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे, वह आज सुबह सूरत पहुंचे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वकील बाबू मंगुकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने कांग्रेस नेता को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया, ये धाराएं मानहानि और उससे संबंधित सजा से जुड़ी हैं।
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही कैसे होता है ?” राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी, वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी,