रायगढ़/ फाइलेरिया, जिसे आम बोलचाल की भाषा में हाथीपांव भी कहते हैं , के उन्मूलन के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रतिबद्ध है,पूरे देश में 2030 तक फाइलेरिया को जड़ मूल से खत्म करने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें काम कर रही हैं ,


छत्तीसगढ़ में फाइलेरिया की दृष्टि से 19 जिले और 91 विकासखंड संवेदनशील हैं जिनमें से रायगढ़ जिला फाइलेरिया के मरीजों की संख्या के लिहाज से सर्वप्रथम है, रायगढ़ में अभी तक फाइलेरिया के 1350 मरीजों की निशानदेही की गई है,
जिला स्वास्थ्य विभाग दिनांक 10 से 16 फरवरी तक जिले में आई. डी. ए. दवा सेवन गतिविधियों को सघनता से चलाएगा,

इसके लिए जरूरी रोडमैप बना लिया गया है और तदनुरूप तैयारियां कर ली गई हैं । कुल 13.35 लाख लोगों को दवा सेवन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 2269 टीम गठित की गई है जिसमें 4538 सदस्य हैं ।  इन सब को दवा सेवन करवाने के लिए गहन प्रशिक्षण दिया गया है ।

इनकी गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए 454 सुपरवाइजर और 45 सेक्टर सुपरवाइजर होंगे । दवा सेवन के पश्चात आपात स्थिति से निबटने के लिए 53 रैपिड रिस्पॉन्स दल का गठन किया गया है । दवा सेवन का कार्यक्रम सभी स्वास्थ्य केंद्रों , आंगनबाड़ी केंद्रों तथा स्कूलों में चलाया जाएगा । इसके बाद घर घर जाकर दवा का सेवन करवाया जायेगा ।

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