कोरबा / वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने 44वें पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय जनसंपर्क सम्मेलन, भोपाल में सर्वश्रेष्ठ जन जागरूकता कार्यक्रम श्रेणी में प्रथम पुरस्कार हासिल किया। मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री कैलाश विश्वास सारंग के हाथों द्वारा श्री विजय वाजपेयी सह प्रबंधक कंपनी संवाद विभाग, बालको को पुरस्कार प्रदान किया गया जो संचार के माध्यम से समुदाय को संवेदनशील बनाने में बालको के योगदान को दर्शाता है।
यह पुरस्कार ‘सारिका-दोंद्रो की नई किरण’ के माध्यम से समुदायों में माहवारी से जुड़े मिथकों को दूर करने के लिए उद्देश्यपूर्ण संचार का उपयोग करने में बालको के प्रयासों को मान्यता देता है। लघु फिल्म की मुख्य किरदार सारिका कंवर की कहानी जो बालको के प्रोजेक्ट नई किरण के अंतर्गत माहवारी के प्रेरक अभियान का अनुसरण करती है और स्थानीय समुदायों के बीच इसके प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक करती हैं।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने पुरस्कार के लिए बालको परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। कंपनी अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय के लोगों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पुरस्कार विभिन्न अवसरों पर अनेक इंटरैक्टिव गतिविधियों में नागरिकों को शामिल करके क्षेत्र में महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने के हमारे प्रयासों का प्रमाण है। ‘सारिका’ केवल एक लघु फिल्म नहीं है बल्कि परिवर्तन की एक किरण है जो पूरे क्षेत्र और राज्य में सभी मिथकों को दूर कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम कर रही है। बालको में हम माहवारी से जुड़े मिथकों को दूर करने और माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के अपने प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने सामुदायिक विकास कार्यों से क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु कटिबद्ध हैं।
बालको ने सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से वर्ष 2019 में ‘नई किरण’ परियोजना की शुरूआत की। कोरबा जिले के 45 गांव इस अभियान में शामिल हो चुके हैं। इस परियोजना ने लगभग 600 किशोर लड़कियों, स्वयं सहायता समूहों की 200 महिलाओं और अब तक लगभग 60 फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के साथ क्षमता निर्माण और नेतृत्व सत्र शुरू किया है। उन्हें ऐसे लीडर्स के तौर पर विकसित किया गया है जिससे वे समुदाय में जाकर माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति बालिकाओं और महिलाओं को जागरूकता फैलाने में अग्रणी हो। एक समावेशी कदम में परियोजना ने पुरुषों को भी संवेदनशील बनाने की दिशा में काम किया है। 2022 में माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी मुद्दों पर परामर्श प्रदान करने और माहवारी से संबंधित प्रश्नों के समाधान के लिए गांवों में चार स्वास्थ्य सुविधा केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। अबतक परियोजना से लगभग 45,000 महिलाओं, पुरुषों एवं किशोरी बालक और बालिकाओं को नुक्कड़ नाटक, जागरूकता अभियान द्वारा संवेदनशील बनाया गया है।