रायगढ़ / रायगढ़ जिले में घरघोड़ा के बजरमुड़ा में सीएसपीडीसीएल को आवंटित कोल ब्लाक गारे-पेलमा-3 के प्रभावित जमीन के भू-अर्जन में गड़बड़झाला को लेकर हुई शिकायत पर राजस्व मंडल के सचिव ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इस मामले में टीम गठित कर जांंच कराने का निर्देश दिया गया है।
घरघोड़ा अनुविभाग अन्तर्गत गारे- पेलमा सेक्टर ३ कोल ब्लॉक सीएसपीडीसीएल को आवंटित किया गया है। उक्त कोल ब्लाक के लिए हुए भू-अर्जन में तत्कालीन अधिकारियें का कारनामा सामने आया है। राजस्व विभाग के मुख्य सचिव सहित राजस्व मंडल को किए गए शिकायत में बताया गया है कि बजमुड़ा में 149 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है,
जिसमें से 129 हेक्टेयर भूमि को दो फसली बताकर मुआवजा राशि वितरण कर दिया गया है, जबकि देखा जाए तो उक्त क्षेत्र में सिंचाई के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध ही नहीं है इसके बाद भी सिर्फ मुआवजा अधिक गणना करने के लिए भूमि को दो फसली बताया गया है। यही नहीं सिढ़ी, किराना दुकान व अन्य के नाम पर भी मुआवजा राशि की गणना में काफी गड़बड़ी की गई है।
शिकायत में बताया गया है कि सिर्फ बजरमुड़ा में ही करीब 150 करोउ़ रुपए का चपत शासन को लगाया गया है। इसको लेकर पिछले दिनों मुख्य सचिव राजस्व विभाग और राजस्व मंडल बिलासपुर को शिकायत किया गया था। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राजस्व मंडल बिलासपुर के सचिव ने कलेक्टर को पत्र लिखकर टीम गठित कर मामले की जांच कर रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
महाजेंकों की तरह इसमें भी हुआ खेल- महाजेंकों में जिस तरह से प्रभावित क्षेत्रों में डायवर्सन व निर्माण का खेल खेला गया है इसी तर्ज पर पूर्व में बरजरमुड़ा में खेल खेला गया है। भू-अर्जन के पहले कोई काम्पलेक्स का निर्माण कर लिया तो किसी ने कुंआ खोदवा लिया। जिसके एवज में मोटी रकम मुआवजा के रूप में जारी किया गया है।
सौंपी गई है दर्जन भर लोगों की सूची- शिकायतकर्ता ने इस मामले में आरटीआई से निकाले गए दस्तावेजों का अध्यन करने के बाद बजरमुड़ा के करीब दर्जन भर ऐसे लोगों की सूची शिकायत में दिया है जिसमें संबंधित भू-स्वामियों केा नियम कानून को ताक पर रखकर बेहिसाब मुआवजा राशि की गणना कर मुआवजा प्रदान किया गया है।