नई दिल्ली / विधानसभा चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी तेल कंपनियों से पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने की अपील की है। उन्होंने रविवार को कहा- अभी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें नियंत्रण में हैं और तेल कंपनियां भी अब घाटे से उबर चुकी हैं, ऐसे में मेरा अनुरोध है कि कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम कम करें।
पुरी ने कहा- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ने के बावजूद केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 को एक्साइज ड्यूटी कम की थी, लेकिन कुछ राज्य सरकारों ने वैट नहीं घटाया, इस कारण उन राज्यों में अब भी तेल की कीमतें ज्यादा हैं। हरदीप पुरी बनारस में थे, वे यहां गंगा घाट पर CNG बोट रैली में शामिल हुए।
पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों कम होंगे, ये जानने से पहले जानते हैं प्रमुख शहरों में इनकी कीमतें,
दिल्ली 96.72 89.62
कोलकाता 106.03 92.76
मुंबई 106.31 94.27
चेन्नई 102.63 94.24
चंडीगढ़ 96.20 84.26
भोपाल 108.65 93.90
जयपुर 108.48 93.72
रायपुर 102.45 95.44
अहमदाबाद 96.39 92.15
बेंगलुरू 101.94 87.89
लखनऊ 96.57 89.76
नोएडा 96.79 89.96
गुरुग्राम 97.18 90.05
नोट: दाम रुपए प्रति लीटर में
कैसे तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें-?
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी, लेकिन 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया।
अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।
तेल की कीमत में बड़ा हिस्सा टैक्स का-आज जब आप 100 रुपए का पेट्रोल लेते हैं तो 52 रुपए टैक्स के रूप में सरकार की जेब में जाता है। इससे आम लोगों की जेब खाली हुई, वहीं सरकार का खजाना तेजी से भरता गया। ऐसे में अगर सरकार चाहे तो टैक्स में कटौती करके आम आदमी को राहत दे सकती है, टैक्स वसूलने में महाराष्ट्र सबसे आगे है,