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जर-जोरू-जमीन के चक्कर में गई कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की जान, पिता भाई समेत तेरह गिरफ्तार,पाचँ की तलाश जारी–

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बिलासपुर / बिलासपुर पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर पूर्व कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की हत्या की साजिश में शामिल पिता जयनारायण त्रिपाठी, भाई कपिल त्रिपाठी उसकी पत्नी सुतित्रा त्रिपाठी समेत 13 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसकी हत्या के लिए पिता और भाई ने मिलकर उत्तरप्रदेश के पांच शूटरों को 10 लाख रुपए की सुपारी दी थी,

इस मामले में कपिल की पत्नी के साथ ही उसकी मुंहबोली बहन, जीजा, भांजा सहित अन्य लोग शामिल थे,वही पुलिस इस केस में हथियार बेचने वाले आरोपियों को पकड़कर अब पांच शूटरों की तलाश कर रही है,

बिलासपुर एसएसपी पारुल माथुर ने रविवार की रात इस बहुचर्चित हत्याकांड को लेकर मीडिया से बातचीत की,जिसमे उन्होंने बताया कि चार दिन पहले सकरी में हुए हिस्ट्रीशीटर कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की गोली मारकर हत्या करने के बाद से पुलिस इस केस की जांच में जुट गई थी,

उन्होंने बताया कि संपत्ति का झगड़ा औक रिश्तेदार महिला से अनैतिक सबंध ही इस हत्याकांड का मुख्य कारण बना, संजू का पिता जयनारायण और मुख्य आरोपी कपिल त्रिपाठी के दो दिसंबर को हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग मिलने के बाद से ही तय हो गया था कि इन्होंने ही मिलकर षड्यंत्र रचा है,

तय प्लानिंग के अनुसार कपिल त्रिपाठी ने अपने दोस्त प्रेम श्रीवास के माध्यम से 10 लाख में सुपारी देकर उत्तरप्रदेश के 5 शूटर्स को बुलाया था एडवांस में उन्हें 5 लाख रुपए भी दे दिया था, हालांकि, अभी शूटर पकड़े नहीं गए हैं, लेकिन, उनकी पहचान हो गई है और उनकी तलाश की जा रही है,

एसएसपी ने आगे बताया कि शूटर्स को हथियार उपलब्ध कराने के लिए प्रेम श्रीवास संजू को रायगढ़ के दो युवकों से मिलवाया था, इसके बाद प्रेम और संजू अंबिकापुर भी गए थे, जहां झारखंड के सप्लायर ने उन्हें डेढ़ लाख रुपए में दो पिस्टल दिया था और 12 कारतूस के लिए 50 हजार रुपए लिए थे, हथियार सप्लायर रायगढ़ के दो युवक और झारखंड के सप्लायर को भी पुलिस ने पकड़़ लिया है,

कपिल ने अपने पिता जयनारायण, जीजा भरत तिवारी, बहन, भतीजा और भांजे के साथ मिलकर बाहर से शूटर बुलाकर संजू की हत्या करवाने की साजिश की थी, योजना में संजू ने अपने दोस्तों और करीबी लोगों को भी शामिल किया, उसकी यह प्लानिंग दो बार फेल हो चुकी थी,

इससे पहले भी दो बार शूटर्स आए थे लेकिन, संजू की हत्या करने में नाकाम रहे तब कपिल अपनी प्लानिंग के अनुसार झारखंड और दिल्ली में था, तीसरी बार कपिल ने संजू की हत्या होते तक शहर में ही रहने की प्लानिंग की और भाई की हत्या करवाने में सफल हो गया इसके बाद वह घर छोड़कर फरार हो गया,

पुलिस ने इस केस में संजू के पिता जय नारायण त्रिपाठी, भाई कपिल त्रिपाठी, जीजा भरत तिवारी सहित आशीष तिवारी, रवि तिवारी, प्रेम श्रीवास,अमन गुप्ता व राजेंद्र सिंह ठाकुर के साथ ही कपिल की पत्नी सुतित्रा त्रिपाठी सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, कपिल की पत्नी सुतित्रा त्रिपाठी का नेपाल बॉर्डर झारखंड के पिथौरागढ़ में मायका है, जहां कपिल और उसके दो साथियों के नेपाल भागने से पहले उसने मायका में रहने की व्यवस्था कराई थी, इस पूरे षड्यंत्र में कपिल की पत्नी सुतित्रा भी शामिल रही हैं,

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एसएसपी पारुल माथुर ने बताया कि संजू त्रिपाठी से उसकी मुंहबोली व जयनारायण की दत्तक पुत्री ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके पति भरत तिवारी, भतीजा आशीष तिवारी और भांजा रवि तिवारी ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया है,

ये तीनों भाग गए हैं और जल्द ही सरेंडर कर देंग उसकी बातों को सुनकर पुलिस भी सकते में आ गई, लिहाजा, पुलिस ने बारीकी से जांच कर संदेहियों का बयान दर्ज किया, तब पता चला कि हत्या की साजिश कपिल ने रची है और वह अपने जीजा, भतीजा और भांजा समेत अन्य लोगों को षड्यंत्र में शामिल कर हत्या की जिम्मेदारी लेने की बात कही थी,

साथ ही यह भी तय किया था वह नेपाल में रहकर इन सभी को कोर्ट से छुड़ा लेगा, षड्यंत्र उजागर होने के बाद पुलिस हर हाल में कपिल को नेपाल जाने से रोकने में जुट गई और इससे पहले ही उसे गिरफ्तार करने में पूरी ताकत लगा दी जिसमें पुलिस को सफलता भी मिल गई,

पुलिस की एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट के प्रभारी हरविंदर सिंह ने बताया कि संजू की हत्या करने वाले पांच शूटर चार दिन पहले ही बिलासपुर पहुंच गए थे और प्रेम श्रीवास के साथ संजू त्रिपाठी की गतितिविधियों की रेकी कर रहे थे, 14 दिसंबर को कपिल त्रिपाठी के पास खबर आई कि दोपहर को संजू अपने फार्म हाउस सांवाताल जाएगा,

कपिल ने सभी को बताया कि संजू के सांवाताल से वापस आते समय हत्या करना है सभी ने आपस में तय किया कि सकरी बाईपास रोड में ओवरब्रिज के नीचे स्पीड ब्रेकर में जब संजू त्रिपाठी अपनी कार की गति धीमी करेगा, उसी समय उसकी कार को घेर कर दोनों तरफ से फायरिंग कर हत्या कर देंगे,

योजना के अनुसार सभी ने पहले से रेकी की स्थान कोटा रोड में पोड़ी की तरफ एक सुनसान जगह में नीले रंग की बेलेनो कार को छोड़कर कर डिजायर में पांचों शूटर और प्रेम श्रीवास के साथ भागेंगे और अमन गुप्ता की एलांट्रा कार में अमन गुप्ता, भरत तिवारी, आशीष तिवारी और रवि तिवारी बैठकर शहडोल जाएंगे,

अमन वापस बिलासपुर आ जाएगा सुमीत निर्मलकर सफेद, स्कॉर्पियो से भिलाई पहुंचेगा और कपिल त्रिपाठी किसी साधन से भिलाई आएगा, कपिल ने योजना बनाते समय बोला था कि वह बाहर रहेगा तो सभी को केस से बरी करा लेगा यह भी कहा कि जब-जब वे जिसको सरेंडर करने के लिए बोलेगा वह करते जाएगा,

नीले रंग की बेलेनो कार में बाहर से आए तीन शूटर बैठेंगे और अमन गुप्ता की स्विफ्ट डिजायर कार में दो शूटर को लेकर राजेन्द्र ठाकुर बैठा, वह पहले से ही सकरी बाईपास रोड के पास था, अमन गुप्ता व भरत तिवारी, आशीष तिवारी, रवि तिवारी व प्रेम श्रीवास अमन गुप्ता की एलांट्रा कार में संजू की रेकी कर रहे थे,

अमन गुप्ता अपनी एलांट्रा कार में भरत तिवारी, आशीष तिवारी रवि तिवारी एवं प्रेम श्रीवास को बिठाकर संजू तिवारी का रेकी करने तखतपुर रोड की तरफ आगे बढ़ गए, कानन पेंडारी से करीब एक किलोमीटर आगे, संजू त्रिपाठी की महामंत्री कांग्रेस कमेटी बिलासपुर लिखी सफेद रंग की एमजी हेक्टर कार दिखी। प्रेम श्रीवास ने वॉटसऐप कॉल से मौके में मौजूद एक शूटर को कॉल कर बताया कि संजू की गाड़ी बिलासपुर की ओर जा रही है,

इसके बाद एलेंट्रा कार में बैठे सभी तखतपुर की ओर बढ़े फिर मोड़कर बिलासपुर की ओर आ रहे थे, कोटा मोड़ के पास नीले रंग की बेलेनो कार में शूटर बैठे नजर आए, बेलेनो कार देखकर समझ गए कि शूटरों ने संजू त्रिपाठी की हत्या कर दी है,

इसके बाद सभी योजना के अनुसार बेलेनो कार के पीछे-पीछे कार को छोड़ने पोड़ी गए और घटना में प्रयुक्त वाहन को पोड़ी में छोड़कर 5 शूटर और प्रेम श्रीवास डिजायर कार में बैठकर शहडोल की ओर भाग निकले। अमन गुप्ता की एलांट्रा कार में भरत तिवारी, आशीष तिवारी, रवि तिवारी व राजेन्द्र ठाकुर भी शहडोल की तरफ भागे, इसके बाद उन्हें शहडोल में एक शराब दुकान के पास छोड़कर वापस बिलासपुर आकर कार को छिपा दिया और अमन भी गायब हो गया,

इस घटना में प्रयुक्त वाहन एलांट्रा कार व सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार अमन गुप्ता की थी, सफेद रंग की स्कॉर्पियों को आरोपी सुमीत निर्मलकर ने किराए पर आकाश कोशले से लिया था, शूटरों ने नीले रंग की बलेनो कार का उपयोग किया था,

स्कॉर्पियो में सुमित निर्मलकर बैठकर भिलाई भाग गया इस दौरान कपिल अपने घर से दोस्त केदार सिंह के साथ चकरभाठा पहुंचा, जहां से रवि सिंह की थार गाड़ी में बैठकर रायपुर और वहां से भिलाई पहुंच गया, सुमित भिलाई पहुंचने के बाद स्कॉर्पियो को छोड़कर कपिल के साथ गोंदिया गया, जहां से भोपाल होते हुए इंदौर पहुंच गया,

इसके बाद इंदौर से दिल्ली गए और फिर वहां से कांठमांडू जाने वाली बस में सवार हो गए इसकी भनक पुलिस को लगी और पुलिस की टीम ने दिल्ली से पीछा करते हुए उनकी बस को लखनऊ के पास रोककर कपिल और सुमित को दबोच लिया,

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